शिमला जिला के आकांक्षी विकास खंडों छौहारा और कुपवी ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित तीन प्रमुख मानकों में 100 फीसदी लक्ष्य प्राप्त कर सराहनीय उपलब्धि हासिल की है। 2023 में जहां ये खंड कई मानकों में पिछड़े थे, वहीं जिला प्रशासन के निर्देशों और समर्पित फील्ड प्रयासों के चलते छौहारा ने दो और कुपवी ने एक मानक में पूर्ण सफलता दर्ज की है। यह उपलब्धि संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह में भी सामने आई, जहां उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और फील्ड स्टाफ को सम्मानित किया गया।
नीति आयोग द्वारा छह मानकों को आकांक्षी ब्लॉकों के लिए निर्धारित किया गया था, जिनमें प्रमुख रूप से गर्भवती महिलाओं की समय पर प्रसवपूर्व देखभाल और पूरक पोषण, मधुमेह व उच्च रक्तचाप की जांच, मृदा परीक्षण, तथा स्वयं सहायता समूहों को फंड देना शामिल है। छौहारा ने प्रसव पूर्व देखभाल और आईसीडीएस के तहत पूरक पोषण के मानकों में 100 फीसदी लक्ष्य प्राप्त किया। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य शिविरों, पोषण पखवाड़ों और गांव स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए।
इसी तरह, कुपवी ब्लॉक ने भी आईसीडीएस पूरक पोषण मानक में 100 फीसदी लक्ष्य प्राप्त कर उल्लेखनीय सुधार दिखाया। इस प्रयास में पंचायतों, महिला मंडलों और स्वयं सहायता समूहों का सक्रिय योगदान रहा। दोनों खंडों में फील्ड स्टाफ को डेटा एंट्री व कार्यक्रम प्रबंधन के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया।
उल्लेखनीय है कि आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में ठोस सुधार लाकर जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने इस उपलब्धि को सभी विभागों की संयुक्त मेहनत का परिणाम बताया और विश्वास जताया कि अन्य मानकों में भी जल्द ही शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जाएगा।