November 5, 2024

चेहरे से परदे जरूर हटाऊंगा: डॉक्टर जय अनजान

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डॉक्टर जय अनजान
डॉक्टर जय अनजान

हम रहे हमेशा सादगी में,
इंसानियत रहा हमारा गहना,
कभी इतराए नहीं अपने कर्मो से,
हमेशा सीखा है हमने प्रेम में बहना।

तुम कहते हो कि मैं कुछ कमाल कर दूं,
सलीका अपना ज़रा बदल दूं,
पर मेरे दोस्त दुनिया क्या समझेगी,
हमको नहीं आता किसी के लिए यूं बदलना।

जब मैं बदलूंगा पूरी तरह से बदलूंगा,
दिल से निभाते आया हूं सारे रिश्ते,
जब इतराऊंगा तो खूब इतराऊंगा,
सबके चेहरे से परदे जरूर हटाऊंगा।

चेहरे से परदे जरूर हटाऊंगा: डॉक्टर जय अनजान

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