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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जिला कल्याण समिति की बैठक बचत भवन में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता 7वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं जिला कल्याण समिति के अध्यक्ष नन्द लाल ने की। बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कमजोर वर्गो के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से चलाई गई योजनाएं आम जनता तक पहुंचाए।
उन्होंने कहा कि अधिकारी और फील्ड में कार्यरत स्टाफ ये सुनिश्चित करें कि कोई भी योग्य व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहना चाहिए। हमारा लक्ष्य कमजोर वर्गो के उत्थान के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाना। इसके अलावा समय समय पर योजनाओं के संचालन की समीक्षा अधिकारी करते रहें । ताकि कार्य प्रणाली में सुदृढ़ता आए।
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इस अवसर पर समिति के उपाध्यक्ष एंव उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि वित वर्ष 2023-24 में जिला कल्याण समिति की बैठक में अनुमोदित समस्त योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत धन राशि का वितरण 83821 लाभार्थियों को कर दिया गया है। विभाग की ओर से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर एक अरब 35 करोड़ 62 लाख 63 हजार रूपये की राशि वितरित कर दी गई है। जोकि कुल आबंटित बजट का 100 प्रतिशत् बनता है ।
उपायुक्त ने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण तथा उनका उत्थान करने के लिये सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया गया है। योजनाओं के संचालन के लिए सरकार द्वारा हर साल बजट का आबंटन किया जाता है जिसको व्यय करने के लिये जिला कल्याण समिति का अनुमोदन अनिवार्य है। माननीय जिला कल्याण समिति के अनुमोदन उपरांत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार आवंटित बजट को चार त्रैमास में (क्रमशः) 20 प्रतिशत, 25 प्रतिशत 30 प्रतिशत तथा 25 प्रतिशत के अनुसार व्यय किया जाता है ।
जिला में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 4740 मामलों को स्वीकृति दी गई है। इस पर अभी तक 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार रुपए खर्च किए जा चुके है। मुख्यमंत्री विधवा एवम् एकल नारी आवास योजना के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय को 271 मामले प्रेषित किए गए है।
बैठक में दिव्यांगता राहत भत्ता, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा, एकल नारी, परित्यक्ता पेंशन योजना, कुष्ठ रोगी पुनर्वास भत्ता, ट्रांसजैंडर पेंशन आदि योजनाओं पर भी चर्चा की गई। इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, सभी उपमंडल अधिकारी, जिला कल्याण अधिकारी केवल चौहान, जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाॅल सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।
स्वर्ण जयंती आश्रय योजना
इस योजना के अन्तर्गत अनु० जाति, अनु० जनजाति, अन्य। पिछड़ा वर्ग को मकान निर्माण के लिये अनुदान स्वीकृत किया जाता है जिनके पास रहने योग्य मकान नहीं है और जिनकी समस्त साधनों से पारिवारिक वार्षिक आय मु० 50,000ध्-रू0 से अधिक न हो तथा अन्य किसी विभाग कार्यालय से इस प्रकार का कोई अनुदान प्राप्त न किया हो, उनको विभाग द्वारा नये मकान के निर्माण के लिये मु० 1,50,000ध्-रू0 अनुदान राशि के रूप में प्रदान किये जाते है । इस बार जिले में 163 का लक्ष्य है।
अनुवर्ती कार्यक्रम
इस योजना के अन्र्तगत अनु० जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बन्धित आवेदकों को सिलाई, बढ़ई व लौहार आदि के कार्य के लिए सिलाई मशीन,औजार क्रय करने हेतु अनुदान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय मु0 50,000-रू से अधिक न हो तथा वे इन कार्यों में निपुण हो, उन्हें सिलाई मशीन हेतु मु० 1800- रूपये तथा औजार क्रय करने हेतु मु0 1300-रू का अनुदान दिया जाता है। प्राप्त मामलों की संख्या 484 है।
दिव्यांग छात्रवृति
ऐसे दिव्यांग छात्र जो किसी सरकारी व निजी संस्थान से पढ़ाई, तकनीकी शिक्षा या डिग्री प्राप्त कर रहे हो तथा जिनकी दिव्यांगता प्रतिशत्ता जिला दिव्यांगता बोर्ड द्वारा 40 प्रतिशत् या इससे अधिक आंकी गई हो को मु0 625-रू से मु0 5000-रू तक की छात्रवृति प्रदान की जाती है । जिले 131 मामलों को स्वीकृति दी जा चुकी है।
कम्प्यूटर एप्लीकेशन एवं समवर्गी क्रिया-कलापों के अन्र्तगत दक्षता योजना ।
इस योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जातिध्अनुसूचित जन जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, विधवा, एकल नारी एवं दिव्यांगजन जिनकी उम्र 18 वर्ष से 35 वर्ष के बीच हो व बीपीएल परिवार से सम्बन्ध रखते हो अथवा जिनके माता-पिता व अभिभावक की पारिवारिक वार्षिक आय मु0 2,00,000- (दो लाख) रूपये से अधिक न हो तथा कम से कम 10 जमा 2 तथा स्नातक पास की हो, को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों (नाईलिट व सी-डैक) से पी०जी०डी०सी०ए०,डी०सी० ए० के अन्तर्गत एक वर्ष का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
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प्रशिक्षण के दौरान उन प्रशिक्षुओं को 1000-रू प्रतिमाह की दर से छात्रवृति कौशल विकास निगम द्वारा। प्रदान की जाती है। प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरान्त विभाग द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को । प्रवीणता हेतु छः माह के लिए विभिन्न विभागों में प्लेसमेंट पर रखा जाता है। प्लेसमेंट के दौरान मु0 1,500-रू की दर से मासिक छात्रवृत्ति विभाग द्वारा प्रदान की जाती है तथा विशेष रूप से सक्षम प्रशिक्षु को मु0 1800-रू मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है । पिछले वर्ष अनुसूचित जाति के 149, अनुसूचित जनजाति के 16 ओबीसी और अल्पसंख्यक 11 तथा दिव्यागंजन के 2 छात्रों को प्लेसमेंट दी गई है।
अन्तर्जातीय विवाह पुरस्कार योजना
सामान्य जाति के युवक युवतियों द्वारा अनुसूचित जाति के युवतियों युवक से विवाह करने पर मु0 50,000-रू की राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है । इस योजना के अर्न्तगत हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी जो निर्धारित आयुसीमा पूर्ण करते है, वे ही पात्र होते है। इसके लिये विवाह का पंजीकरण होना अनिवार्य है । जिला में 24 मामलों को स्वीकृति दी गई।
राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना
इस योजना के अर्न्तगत बी० पी० एल० परिवार के प्राथमिक उपार्जक महिला या पुरुष जिनकी मृत्यु 18 वर्ष से 59 वर्ष के बीच हो जाती है, उनके परिवार को मु० 20,000-रुपये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है । 45 मामलों को स्वीकृति दी गई । ऐसे दिव्यांगजन जिनकी दिव्यांगता प्रतिशत्ता जिला चिकित्सा बोर्ड द्वारा 40 प्रतिशत या इससे अधिक आंकी गई हो, हि० प्र० के स्थायी निवासी हो और विवाह पंजीकृत हो, को प्रोत्साहन दिया जाता है ।
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40 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक की दिव्यांगता वाले आवेदकों को मु0 25,000 रू तथा 75 प्रतिशत या इससे अधिक की दिव्यांगता प्रतिशत्ता वालों को मु0 50,000 रू की राशि द्य प्रदान की जाती है । यदि दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हो तो दोनो को उनकी दिव्यांगता के आधार पर राशि प्रदान करने का प्रावधान है। 18 मामलों में स्वीकृत हुई।