July 30, 2025

डॉ. कर्म सिंह हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी से सेवानिवृत्त

Date:

Share post:

हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी https://lac.hp.gov.in/ में 1988 से 2023 तक 34 वर्षों की लंबी सेवा अवधि के बाद डॉ. कर्म सिंह सहायक सचिव के पद से आज सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने अकादमी में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के दौरान विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लेखकों कलाकारों के प्रोत्साहन और सम्मान के लिए समर्पित भाव से कार्य किया।  इस अवधि में संस्कृत, हिंदी, पहाड़ी में प्रकाशित पत्रिकाओं और लगभग 50 पुस्तकों के संकलन, संपादन तथा प्रकाशन में विशेष योगदान रहा। पुस्तक प्रदर्शनी तथा पुस्तक मेलों का आयोजन, विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं के सहयोग से साहित्य संवाद, कवि सम्मेलन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया।  शिमला में पुस्तक मेले का संयोजन, विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर अकादमी की पुस्तक प्रदर्शनी के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के लेखकों की पुस्तकों का  लोकार्पण साहित्य संगोष्ठी और काव्य पाठ के लिए मंच प्रदान करना विशेष गतिविधियां रही।

डॉ. कर्म सिंह ने अकादमी में रहते हुए अकादमी पुस्तकालय और राज्य संग्रहालय के पुस्तकालयों को डिजिटाइजेशन करने तथा डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना काल के दौरान साहित्य कला संवाद कार्यक्रम का फेसबुक और यूट्यूब पर लगभग 772 एपिसोड का लाइव प्रसारण किया गया। अकादमी द्वारा विगत वर्षों में तैयार की गई डाक्यूमेंट्री को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जिसके माध्यम से साहित्य कला और संस्कृति से संबंधित विषयों पर संवाद, रचनाओं का पाठ तथा डॉक्यूमेंटेशन संभव हो सका है। डॉ. कर्म सिंह के पास लगभग 6 वर्षों तक अकादमी सचिव का अतिरिक्त कार्यभार रहा।  इस अवधि में हिमाचली लेखकों की पुस्तकों की  खरीद, साहित्य पुरस्कार, शिखर सम्मान, करा सम्मान, स्वैच्छिक संस्था सम्मान को अपडेट किया गया।  द्वितीय राजभाषा संस्कृत क्रियान्वयन समिति के संयोजक के तौर पर उनकी सक्रिय भूमिका रही है। 

पांडुलिपि सर्वेक्षण तथा कंप्यूटर ट्रेनिंग एवं उर्दू प्रशिक्षण केन्द्र का सफल संचालन करके युवाओं को रोजगार के काबिल बनाया। गुरु शिष्य योजना के अंतर्गत पारंपरिक शिल्प कलाओं तथा लिपियों के प्रशिक्षण को प्रोत्साहन प्रदान किया। स्कूलों कालेजों तथा विश्वविद्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन करके युवाओं को मंच प्रदान किया। डाॅ. कर्म सिंह के कार्यकाल में हिमाचल की पारंपरिक और समकालीन कला संस्कृति भाषा एवं साहित्य के संरक्षण संवर्धन प्रलेखन प्रकाशन तथा प्रचार-प्रसार विशेष गतिशीलता बनी रही। इस अवसर पर डाॅ. पंकज ललित, सचिव अकादमी एवं निदेशक, भाषा संस्कृति विभाग विशेष रुप से उपस्थित रहे, हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के सभी कर्मचारियों ने डॉ. कर्म सिंह को सेवानिवृत्त के अवसर पर उपहार देकर भावभीनी विदाई दी।

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

डॉ. वाई.एस. परमार को भारत रत्न देने की उठी मांग

हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री और प्रदेश निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार को भारत रत्न देने की मांग...

H.P. Cabinet Revises Compassionate Policy, Expands Healthcare Education

In a significant move towards administrative reform and development, the Himachal Pradesh Cabinet, under the chairmanship of CM...

एसजेवीएन की अध्यक्षता में नराकास-2 शिमला की छमाही बैठक सम्पन्न

एसजेवीएन लिमिटेड के तत्वावधान में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास-2), शिमला की छमाही बैठक आज कॉर्पोरेट मुख्यालय में...

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समेज राहत कार्यों की समीक्षा, देरी पर चेतावनी

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रामपुर उपमंडल की सरपारा पंचायत के समेज...