भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश कला भाषा संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत हैं विभाग गत 50 वर्षों से साहित्य एवं संस्कृति के विविध आयामों को मूर्त रूप देने का दायित्व पूरी निष्ठा से निभा रहा है और इसी क्षेत्र से जुड़े सृजन कर्मियों को समय-समय पर मंच उपलब्ध करवाता रहता है इसी कड़ी में आज शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर के गौथिक हॉल में सूफी शाम कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया,जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सूफी गायक श्री शाहिद नियाजी जी अपने सहयोगी कलाकारों के साथ सूफियाना कलाम की प्रस्तुति दी।
शाहिद नियाजी अखिल भारतीय रेडियो की एक ग्रेड और आईसीसीआर दिल्ली के पैनलबद्ध कलाकार हैं। इन्होंने अपने ग्रुप के साथ लगभग 18 देशों में अपनी प्रस्तुतियां दी हैं। सूफी शाम में उस्ताद शाहिद नियाजी मुख्य गायक एवं सामी नियाजी गायक दूसरे मुख्य गायक, मुकर्रम नियाजी,मजीद नियाज़ी व हामिद नियाज़ी सहयोगी गायक के रूप में थे।इसके साथ ही वासिफ नियाज़ी ढोलक, विजय कुमार तबला वादक व अंकुश कीबोर्ड पर मौजूद रहे। सूफी शाम कार्यक्रम में सांसों की माला में सिमरू, छाप तिलक सब छीनी, लाल मेरी पत रखियो आदि गीतों का गायन किया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रबोध सक्सेना, माननीय मुख्य संसदीय सचिव,हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिरकत की। कार्यक्रम में पूर्व मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी, सचिव,भाषा एवं संस्कृति राकेश कंवर, निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग डॉ. पंकज ललित उपस्थित रहे।
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