राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारकण्डा में परम पुज्य माताजी निर्मला देवी के सहज योग का अभ्यास विद्यार्थियों, अध्यापक और स्थानीय लोगों ने सामूहिक रूप से किया. सहज योग की स्थापना परम पुज्य माताश्री निर्मला देवी ने 1970 में की थी. सहजयोग की क्रिया का अभ्यास गाजियाबाद से आये प्रदीप त्यागी ने करवाया . उन्होने कहा कि सहजयोग मानव के अंदर सहज में स्थित है. आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी प्रसुप्त दैवीय क्षमताओं को पहचान कर उन्हे जाग्रत कर अपने व समाज में चेतना का प्रसार करें.

सहजयोग में माता श्री ने साधारण तरीके से  हाथों पर स्थित ऊर्जा के केन्द्रों को जाग्रत कर शारीरिक व मानसिक विकारों को मिटाकर एक स्वस्थ जीवन को जीने की क्रिया प्रदान की है. सहज योग की दस मिनट की हाथों की क्रियाओं और शुद्ध संकल्प से व्यक्ति अनंत आनंद को प्राप्त कर सकता है और हर तरह की रूग्णता का निदान कर सकता है. इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों, अध्यापकों और स्थानीय जनता ने सहजयोग की सुखद अनुभूतियों को अनुभव किया. इस अवसर पर प्रधानाचार्य डा. हिमेन्द्र बाली ने कहा कि आज के अवसादग्रस्त व तनावपूर्ण समय में हम आत्मनिष्ठ अनंत शक्तियों के उत्थान के प्रति अनभिज्ञ बने बैठे हैं. समाज में सदाश्यता व सौहार्द जैसे शाश्वत मूल्यों का अवसान हो चला है.

ऐसे में अपनी चेतना को जाग्रत कर विश्व चेतना के साथ तादात्मय की आवश्यकता है. तभी समाज में सामूहिकता व सार्वभौमिकता से पारस्परिक संवेदना का संचार होगा. विद्यार्थियों को अपनी क्षमताओं को सहजयोग के माध्यम से जाग्रत कर उत्तरदायित्वबो़ध का उत्थान करने में सहयोग मिलेगा. वास्तविक शिक्षा आत्मबोध से आरम्भ होकर पुरूषार्थ के महान कार्य के लिये प्रतिबद्ध होनी चाहिए. तभी समाज, राष्ट्र व वैश्विक स्तर पर समरसता का विस्तार सम्भव है. इस अवसर पर सहज योग के अनुयायी कर्नल अरूण कैंथला, कर्नल बलदेव कैंथला, विनोद कपूर, नंदलाल वर्मा, सुरजीत, नगर पंचायत नारकण्डा की उपाध्यक्ष पूनम कैंथला एवम् अन्य स्थानीय लोग उपस्थित थे.

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