हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय जयन्ती समारोह का आयोजन गेयटी थियेटर शिमला में किया गया। इस जयन्ती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सचिव, भाषा संस्कृति, हिमाचल प्रदेश श्री राकेश कंवर मौजूद रहे। समारोह की अध्यक्षता अकादमी के पूर्व उपनिदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग एवं पूर्व सचिव अकादमी जगदीश शर्मा ने की। मुख्यवक्ता के रूप में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ध वरिष्ठ साहित्यकार श्रीयुत श्रीनिवास जोशी थे।
उन्होंने “डॉ. यशवन्त सिंह परमार का हिमाचल प्रदेश के निर्माण व विकास में योगदान” विषय पर एक सारगर्भित शोधपत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में डॉ यशवन्त सिंह परमार के जीवन्त जीवनदर्शन, आत्मनिर्भर हिमाचल के उनके दृष्टिकोण, पहाड़ी भाषा, पहाड़ी जनजीवन व पहाड़ी संस्कृति के विविध आयामों को रेखांकित किया। इस विषय पर परिचर्चा में डॉ. डी. के. गुप्ता, के. आर. भारती , एस. आर. हरनोट, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परमार पीठ के अध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश शर्मा, सुदर्शन वशिष्ठ, डॉ. मस्तराम, शान्तिदेवी तथा अन्य विद्वानों ने भाग लिया। सभी विद्वानों ने डॉ परमार के विहंगाम व्यक्तित्व के विविध आयामों को रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राकेश कंवर ने जहां विभाग की विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा की वहीं उन्होंने डॉ. परमार के विराट चिन्तन व चरित्र पर प्रकाश डाला। – द्वितीय सत्र समूचे हिमाचल से पधारे कवियों को समर्पित था। पहाड़ी भाषा व डॉ. परमार के चरित्र व व्यक्तित्व को समर्पित शब्द साधनाओं से युक्त कविताओं के विविध रंग इस सत्र में देखने को मिले। लगभग 30 से अधिक कवियों ने इसमें भाग लिया। भाषा विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित ने सभी साहित्यकारों व कवियों का धन्यवाद किया। अकादमी की सहायक सचिव डॉ. श्यामा वर्मा ने प्रदेश से पधारे सभी साहित्यकारों व कवियों का स्वागत किया और परमार जयन्ती में सहभागिता के लिए आभार व धन्यवाद किया।
Himachal Pradesh Commemorates Dr. Yashwant Singh Parmar’s 117th Birth Anniversary