हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ ( हपुटवा ) द्वारा कहा गया की प्राथमिक संघ के जिन शिक्षकों को प्रदेश सरकार ने निलंबित किया है उन्हें बहाल करना चाहिए । हपुटवा ने हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय सुखविंदर सिंह सुखू जी और शिक्षामंत्री रोहित ठाकुर जी से पुरज़ोर माँग की , जिन शिक्षकों का सरकार ने निलंबित किया है उन्हें बहाल करना चाहिए तथा शिक्षकों को वार्तालाप हेतु बुला कर उनकी मांगो पर सकारात्मक चर्चा कर उसका निवारण करना चाहिए । सरकार द्वारा शिक्षक साथियो का निलंबन उनके लोकतान्त्रिक अधिकारों का हनन है उसे तुरंत प्रभाव से वापिस ले लेना चाहिए।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19: स्वतंत्रता का अधिकार। यह भाषण, अभिव्यक्ति, संगठन, और आंदोलन की स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान करता है । ये मौलिक अधिकारों के हनन का फरमान है। यह सोचने का विषय है की वर्तमान स्तिथि में चाहे प्राथमिक शिक्षक हो , महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षक है चाहे विश्वविद्यालय का शिक्षक है प्रदेश सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों से परेशान है ।
डॉ नितिन व्यास ने बताया कि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय का शिक्षक भी प्रदेश सरकार के आदेश अनुसार CAS के तहत प्रमोशन पर रोक से परेशान है । पिछले तीन वर्षों से शिक्षकों की प्रमोशन पर रोक है जिससे शिक्षकों की शैक्षिक गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ रहा है । सरकार से बार बार मांग करने के बाद भी कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला है ।
जिससे उच्च शिक्षा में व्याप्त शिक्षकों में भी भारी रोष है । डॉ नितिन व्यास ने बताया की विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी सड़कों पे उतर कर अपनी मांगों के लिए लोकतंत्रात्मक रूप में लड़ना पड़ेगा । हपुटवा ने सरकार से प्राथमिक शिक्षकों के निलंबन को वापिस लेने की मांग की । और प्राथमिक शिक्षक संघ को जो की हमारी शिक्षा का आधार है अपना समर्थन दिया ।