September 28, 2025

विद्युत उत्पादन क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश ने देश के अन्य राज्यों को दिखाए नए रास्ते – प्रबोध सक्सेना

Date:

Share post:

केंद्र सरकार की नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित राष्ट्रीय लघु जल विद्युत नीति 2024 पर हितधारक परामर्श की विशेष कार्यशाला शुक्रवार को पीटरहॉफ में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार प्रबोध सक्सेना ने की। इस दौरान नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंद्र एस भल्ला भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिए नए रास्ते दिखाने का कार्य करता आया है। यहां पर सार्वजनिक निजि भागीदारी माॅडल के नए आयाम स्थापित किए गए हैं। प्रदेश सरकार ऊर्जा पर कोई खर्च नहीं करती है बल्कि इन हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट से सरकार को आय प्राप्त हो रही है।  

उन्होंने कहा कि हाइड्रो पावर प्रोजेक्टस के सामने अब कई चुनौतियां खड़ी हो चुकी है। इसमें से सबसे बड़ी चुनौती वित्त की है लेकिन प्रस्तावित नीति के मुताबिक केंद्र सरकार प्रोजेक्टस को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार हर विषय पर सहयोग देने के लिए हमेशा तत्परता से तैयार रहती है। लेकिन हितधारकों को सोचना चाहिए कि सरकार की ओर से छूट प्रदान होने के बाद समस्या को समाधान करने में दिक्कतें पेश क्यों आ रही है।

नीति का उदेश्य
राष्ट्रीय लघु जल विद्युत नीति 2024 का मुख्य उदेश्य सभी राज्यों में प्लांट का युक्तिकरण करना,  विद्युत उत्पादन में लघु जल विद्युत प्लांट की सहभागिता बढ़ाना, ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति पहुंचाना, निजी निवेश को बढ़ाना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, संतुलित पर्यावरण को सहेजना तथा लोगों को लघु जल विद्युत के लाभों के बारे में जागरूक करना है।

चुनौतियों पर हुई चर्चा
हितधारकों की इस कार्यशाला में प्लांट के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की गई। प्लांट के क्रियान्वयन में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसमें तकनीकी चुनौतियां, रख रखाव, मशीनरी को प्लांट तक पहुंचाना, अधिक लागत, वित्तीय सहायता, टैक्स, सब्सीडी येाजनाएं, राजस्व उत्पादन तथा अधिक बीमा प्रीमियम आदि शामिल है, जिसको लेकर हितधारकों ने सुझाव भी दिए।  

25 मेगावाॅट तक की क्षमता के प्लांट
25 मेगावाट तक की क्षमता के पावर प्रोजेक्ट लघु जल विद्युत प्लांट माने जाते है। दुनिया में सबसे अधिक ऊर्जा का उत्पादन लघु जल विद्युत प्लांट से हो रहा है। भारत में 1989 से इन प्लांट की शुरुआत की गई है। भारत में सभी लघु जल विद्युत प्लांट से 21 गीगावाॅट के उत्पादन की क्षमता है। ये प्लांट हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और जम्मू कश्मीर में स्थापित है।

भारत में जलविद्युत का परिदृश्य आशाजनक है। 2030 तक स्थापित क्षमता में अनुमानित 70 प्रतिशत वृद्धि और 2047 तक क्षमता लगभग तिगुनी हो जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा अपना प्रभुत्व बनाए रखने का अनुमान है, जो नई परियोजनाओं में 78 प्रतिशत का योगदान देगा। जबकि निजी क्षेत्र से 22 प्रतिशत योगदान की उम्मीद है। इस दिशा में राज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो आगामी परियोजनाओं में 44 प्रतिशत का योगदान देते हैं। राष्ट्रीय विद्युत योजना 2023 के अनुसार, 2026-27 तक बड़े जल विद्युत से देश की अनुमानित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (344 गीगावाट से अधिक) में लगभग 17 प्रतिशत का योगदान देने की उम्मीद है। मध्यम अवधि (2022-27) में, 10,814 मेगावाट की पारंपरिक जलविद्युत परियोजनाएं और 2,700 मेगावाट की पम्प स्टोरेज प्रोजेक्टस (पीएसपी परियोजनाएं) अपेक्षित हैं।

इस मौके पर वैज्ञानिक डाॅ. संगीता एम कस्तूरी, फेडरेशन ऑफ इंडियन स्माल हाईड्रोपावर के अध्यक्ष अरुण शर्मा, वैज्ञानिक संजय कुमार साही सहित हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, लद्दाख और जम्मू कश्मीर से हितधारक मौजूद रहे।

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

क्लस्टर विकास योजना से सशक्त होंगे एमएसएमई

हिमाचल प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग द्वारा शिमला के शोघी स्थित बिजनेस सेंटर में एक जागरूकता कार्यशाला का...

Sports Infrastructure Gets a Boost in State

Himachal Pradesh is fast emerging as ‘Khel Bhoomi’, a rising land of sporting excellence. Under the dynamic leadership...

4,852 Posts to be Filled in Jal Shakti Department: Agnihotri

Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri announced that the Himachal Pradesh government has approved the recruitment of 4,852 posts...

CS Directs Identification of Muck Dumping Sites Across Himachal

Chief Secretary Prabodh Saxena has directed all concerned authorities to identify suitable muck dumping sites across Himachal Pradesh,...