कीकली रिपोर्टर, 24 मार्च, 2019, शिमला
विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन
आर टी एजुकेशन एक्ट पूर्णतयः लागू करे सरकार, शिक्षा का राजनीतिकरण हो बंद — दिनेश शर्मा
हिमाचल पब्लिक स्कूल वेल्फेयर सोसाइटी ने शिमला के कालीबाड़ी हाल में राज्यस्तरीय बैठक का आयोजन कर प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं पर विचार मंथन किया । बैठक में हिमाचल शिक्षा बोर्ड से सम्बंधता प्राप्त स्कूलों को पेश आ रही दिक्कतों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई और सोसायटी पदाधिकारियों व् अध्यापक वर्ग द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए। इस दौरान विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष ज्ञापन सौंपे जाने का निर्णय लिया गया ।
हिमाचल पब्लिक स्कूल वेल्फेयर सोसाइटी अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता प्राप्त स्कूल सरकार द्वारा तय किये गए नॉर्म्स के अनुसार ही चलाए जा रहे हैं व् सभी स्कूल एक बजट में कम फीस में गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता प्राप्त स्कूलों की सी.बी.एस.सी स्कूलों से तुलना किया जाना गलत है ।
अध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हिमाचल शिक्षा से संबद्धता रखने वाले स्कूल कम अमाउंट में क्वालिटी एजुकेशन प्रदान कर रहे हैं । उन्होंने सरकार से मांग उठाते हुए कहा कि आर.टी.एक्ट को पूर्णत्या रूप में लागू किया जाए ताकि शिक्षा बोर्ड से एफिलिएटेड स्कूलों को भी एक्ट के तहत आने वाली फंडिंग का लाभ मिल सके ।
अध्यक्ष ने कहा कि स्कूलों द्वारा एन.सी.ई.आर.टी सिलेबस नियमों की पालना की जाती रही है वहीँ तमाम खर्चों को देखते हुए भी 15000 वार्षिक से अधिक फीस नहीं बैठती है जबकि सी.बी.एस.सी स्कूल इतनी ही फीस क्वार्टली चार्ज करते हैं । दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से फीस का एक मिनिमम क्रायटेरिया सेट किये जाने व् स्कूल बसों से लिए जा रहे पैसेंजर टैक्स को समाप्त किये जाने की मांग उठाई है । सोसायटी अध्यक्ष ने विभिन्न संगठनों व् अभिभावकों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र का राजनीतिकरण न किये जाने की गुहार लगाई ।
इस दौरान हिमाचल पब्लिक स्कूल वेल्फेयर सोसाइटी उपाध्यक्ष राजेश राधैक ने कहा कि सरकार से एफिलिएटेड स्कूलों को सरकार द्वारा कोई भी अनुदान राशी प्रदान नहीं की जाती जबकि इन स्कूलों द्वारा एस.एम्.सी.आर व् अभिभावक असोसिएशन के मध्य तय फीस के अतिरिक्त अन्य कोई भी राशी नहीं थोपी जाती जबकि सरकारी तंत्र द्वारा इन स्कूलों पर वार्षिक बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट व् फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की मांग को बेवजह थोपा जाता रहा है । उपाध्यक्ष ने सरकार से मांग उठाई कि फायर व् बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट को कम से कम 5 से 10 वर्ष की अवधी के लिए मान्य किया जाए ।
उन्होंने सरकार से मांग उठाते हुए कहा कि जिन स्कूलों के पास अपनी लैंड व् इंफ्रास्ट्रक्चर है उन स्कूलों को स्थाई रूप से स्थापित करने के दिशा-निर्देश दिए जाएं । उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल संचालक सामाजिक व्यक्ति हैं जो 25 से 30 प्रतिशत मुफ़्त शिक्षा प्रदान करवा रहे हैं ।
इस बीच निजी स्कूलों की फीस निति के विरुद्ध लामबद्ध हुए छात्र अभिभावक मंच ने कालीबाड़ी में मौन प्रदर्शन कर निजी स्कूलों की मनमानी फीस निति का विरोध किया । मंच संयोजक विजेंद्र मैहरा ने कहा की ये आंदोलन लगातार जारी रहेगा । उन्होंने कहा कि मंच, फीस मुद्दे पर सोमवार को शिक्षा मंत्री से मिलकर समस्या निराकरण को लेकर महत्वपूर्ण मुलाकात करने जा रहा है ।
Keekli is so informative…it is becoming a wonderful source of information for both the parents and children. Keep up the good work team Keekli.