कीकली बच्चों के लिए समाचार-विचार की एक वेबसाइट के रूप में पहली बार मई 2013 में शिमला में आरंभ हुई । यह पत्रिका बच्चों के लिए थी जिसके माध्यम से वह अपनी रचनाये अभिव्यक्त किया करते है । दो साल के सफल संचालन के बाद, कीकली ने 31 अगस्त, 2015 को हिंदी/अंग्रेजी मासिक समाचार पत्र के तौर पर अपना पहला प्रिंट संस्करण शुरू किया।

जुलाई 2015 में अहमदाबाद में ‘वाइब्रेंट गुजरात प्रोग्राम’ के दौरान ‘बिगबी बिजनेस प्लान प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया जिसमें कीकली की संपादक वंदना भागड़ा को बाल-साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपने अथक परिश्रम और समर्पण के लिए  ‘सर्वश्रेष्ठ महिला उद्यमी श्रेणी में प्रोत्साहन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फलस्वरूप, दोगुने जोश और उत्साह से आगे बढ़ते हुए कीकली ने शिमला में अपनी वार्षिक अंतर-विद्यालय प्रतियोगिताओं की शुरुआत की, जिसमें कहानी-लेखन, भाषण, कविता, रेखाचित्र और चित्रकला प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। इनमें बच्चों ने जिस उत्साह से भागीदारी की, वह इस बात को साबित करती थी कि उन्हें अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने के लिए ऐसी ही विचार-दृष्टि और प्रेरणा की आवश्यकता है।

‘कीकली बुक क्लब’ का शुभारंभ एक और सकारात्मक कदम था, जिसकी बागडोर प्रसिद्ध लेखिका मीनाक्षी चौधरी ने सँभाली और बाल/युवा लेखकों के साथ मासिक सृजनात्मक सत्र आयोजित किए, ताकि उन्हें कहानियाँ गढ़ने की बारीकियाँ सिखाई जा सकें। जल्द ही उनके साथ स्थानीय साहित्यकार भी जुड़े, जिन्होंने अपने ज्ञान, शिल्प और विशेषज्ञता को हमारे युवा पाठकों-लेखकों से साँझा किया। हर महीने के अंतिम रविवार को बुक क्लब की गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। छह से अठारह साल के बच्चों को यहाँ जो बात जोड़ती है वह है पढ़ने और लिखने  की इच्छा।

हमें मिले समर्थन और प्रोत्साहन ने बच्चों की छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने के हमारे संकल्प को और मज़बूत किया। नवंबर 2018 में कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट को एक गैर-सरकारी संगठन के रूप में पंजीकृत किया गया, जिसका कार्य-क्षेत्र बाल-शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और समाज-कल्याण योजनाओं का विशाल फलक था। इस ट्रस्ट में समान विचारधारा वाले कई मित्र जुड़े, जो नारी-शक्ति का बेहतरीन प्रतिनिधित्व करते थे। इसकी अध्यक्ष हैं वंदना भागड़ा; उपाध्यक्ष नमिता लाल; सचिव ऋतांजलि हस्तिर; कोषाध्यक्ष तरणदीप कौर; ट्रस्टीज ईशा कुमरा; ममता राखड़ा; ममता रामपाल और शालिनी प्राशर। इस ट्रस्ट में नौकरीपेशा और व्यावसायिक महिलाओं से लेकर गृहिणियाँ तक शामिल हैं, जो यह मानती हैं कि बच्चों के जीवन को बदलकर, एक परिवार, एक समुदाय, एक देश और अंततः पूरी दुनिया को बदला जा सकता है।

हमारा उद्देश्य समाज में प्रभावी परिवर्तन लाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है। वार्षिक रक्तदान शिविर, आईजीएमसी शिमला, के चिल्ड्रन वार्ड को गोद लेना, बच्चों के लिए कहानी-लेखन प्रतियोगिताएँ और रचनात्मक लेखन कार्यशालाएँ आयोजित करना, कम-विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को वित्तीय सहायता देना और परिस्थितिवश ज़रूरत मंद लोगों की मदद करना हमारी गतिविधियों में शामिल है।

2021 के अंत में हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि थी – 51 Scintillating Tales नामक पुस्तक का प्रकाशन, जिसमें हमारी टीम ने 51 बाल/युवा लेखकों के सपने को पूरा किया। हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और कवि और गीतकार, श्री इरशाद कामिल के करकमलों दवारा 14 नवंबर को इस पुस्तक का विमोचन किया गया। 25 दिसंबर को इस पुस्तक पर एक चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें प्रख्यात लेखकों, आलोचकों और प्रोफेसरों ने इन युवा लेखकों के साथ कहानी की रचना-प्रक्रिया पर परस्पर संवाद किया।

वर्ष 2022 भी हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि टीम कीकली विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों में बच्चों को शामिल करने में बहुत सक्रिय रही। साल के आरंभ में ही श्री खुशवंत सिंह द्वारा लिखित ‘द ओपियम टॉफी’ पर पुस्तक-चर्चा का आयोजन किया गया। मई के अंत में डॉ. रेखा वशिष्ट के कहानी-संग्रह ‘गुमशुदा’ का विमोचन किया गया, तो ५ जून डॉ विद्यानिधि छाबड़ा और स्वर्गीय डॉ रमा सोहोनी की पुस्तक ‘बदला मौसम बदल गए हम’ तथा ‘योर सीजन्स माई सीजन्स’ के हिंदी और अंग्रेजी संस्करणों का विमोचन किया गया।

एच.पी. कौशल विकास निगम के सहयोग से बालिका आश्रम, टूटीकंडी में रहने वाली लड़कियों के लिए कहानी के लेखन और पठन-पाठन तथा चित्रकला कार्यशालाओं के सत्र आयोजित किए गए। जून में नेशनल बुक ट्रस्ट मेले के दौरान हमारी सक्रिय भागीदारी की काफी सराहना की गई। जाने-माने लेखक और पत्रकार अमित सेनगुप्ता ने भी सेंट थॉमस स्कूल, शिमला में पत्रकारिता और जनसंचार के छात्रों के लिए कीकली के सहयोग से एक रचनात्मक लेखन-सत्र का आयोजन किया ।

जून में ही, कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट उन तीन गैर सरकारी संगठनों में से एक थी, जिन्हें निदेशक, महिला एवं बाल विकास, हिमाचल प्रदेश द्वारा पानीपत, हरियाणा में आठ साल की उपलब्धि पर उप-क्षेत्रीय बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की चर्चा पर हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमे बच्चों के जीवन में एक छोटा-सा बदलाव लाने के सपने के साथ शुरू की गई कीकली की दृष्टि और विचारों को साँझा किया गया, जिसमें ‘Little Feet Big Strides’ अर्थात नन्हे पाँव, बड़े कदम’ के उद्देश्य को सार्थक किया गया।

एच.पी. कौशल विकास निगम और राज्य के रोज़गार-विभाग के साथ मिलकर किये गए रोज़गार-परामर्श और मार्गदर्शन के कार्यक्रम हों या ज्ञान-सहयोगी के रूप में हमारी भागीदारी; समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ मिलकर किए गए आयोजन हों या अन्य साहित्यिक मंचों और संस्थानों के साथ सहयोग के प्रयास — हमने हमेशा शिक्षा, साक्षरता, साहित्य, कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया है।

मन्जिलें और भी हैं। कुछ नए रास्ते खोजने हैं। उन पर चलने के लिए हमारे पास हिम्मत भी है, नजरिया भी और जुनून भी। आपके साथ और आशीर्वाद की आकांक्षा है।

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