September 28, 2025

किसानों के साथ अन्याय कर रही सरकार: जयराम ठाकुर

Date:

Share post:

JAI RAM

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुक्खू सरकार शुल्क की सरकार हो गई है और प्रदेशवासियों को लगातार किसी न किसी तरह के शुल्क के झटके दे रही है। व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार किसानों को भी बिजली के बिल के झटके दे रही है। सरकार किसानों द्वारा सिंचाई के लिए गए बिजली कनेक्शन के बिजली बिल अब पाँच से छह गुना बढ़ाकर वसूल रही है। यह प्रदेश सरकार की गरीब किसानों के साथ ज्यादती है। खेतों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले बिजली के बिल में इस प्रकार की वृद्धि लोगों समझ के परे है। किसानो को बिजली के बिल में इतनी वृद्धि पर भरोसा ही नहीं हो रहा है और लोग बिजली घरों के चक्कर लगा रहे हैं।

यह किसानों के साथ अन्याय है। पूरे देश में कांग्रेस किसान के नाम पर शोर डालती है और हिमाचल में किसानों के सिंचाई के बिल को पाँच गुना बढ़ा देती है। क्या मुख्यमंत्री सिर्फ़ अपने हवा हवाई वादों में ही किसानों का हितैषी होने का दावा करते हैं? पूरे देश में कांग्रेस किसान के नाम पर झूठ फैलाए और जहाँ अपनी सरकार है वहाँ के किसानों से सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली के दाम पाँच गुना बढ़ा दे। किसानों के साथ सरकार की यह मनमानी नहीं चलेगी।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश भर से मुझे कई किसान परिवारों के फोन आ रहे हैं। सब बिजली के बढ़े हुए बिल को लेकर अपनी बात कर रहे हैं। लोग अपने बिजली के पुराने और नए बिलों को भेजकर बता रहे हैं कि किस तरह से उन्हें पिछले महीनें के मुकाबले पाँच गुना से ज़्यादा का बिल मिला है। उन्होंने कहा कि ऊना के कुछ किसानों द्वारा भेजे गए बिजली बिल को मैंने देखा जिसमें एक मार्च से एक अप्रैल के बीच 605 यूनिट बिजली खर्च हुई थी और उनका बिजली बिल 669 रूपए का था, जिसमें 370 रुपए सरकार द्वारा लगाए गए सेस के भी शामिल थे।

उसी किसान द्वारा मई माह में 591 यूनिट बिजली का उपयोग अपने खेतों की सिंचाई के लिए करने पर बिजली का बिल 3445 रुपए का बिलजी बोल थमाया गया है। जिसमे 356 रुपए सेस के भी शामिल हैं। ऐसा सिर्फ एक किसान के साथ नहीं है। कई किसानों के बिजली बिल इसी प्रकार कई-कई गुना बढ़ कर आए हैं। यह प्रदेश के किसानों के साथ अन्याय है। सरकार व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर लोगों से इस तरह की वसूली नहीं कर सकती है। सरकार किसानों को राहत देने के बजाय उन्हें बिजली के झटके क्यों दे रही है। इस तरह से बिजली के दामों की वृद्धि किसानों की कमर तोड़ देगी, सरकार अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करे और किसानों को राहत प्रदान करे।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार एक ‘वेलफेयर स्टेट’ के रूप में काम ही नहीं करना चाहती है। सरकार जितनी जिम्मेदारी से प्रदेश के लोगों पर टैक्स लाद रही है और शुल्क लगा रही है, काश उसी तरह से लोगों की सुविधाओं का ख्याल रखती तो बेहतर था। एक दिन सरकार छुट्टे का बहाना बनाकर बसों का मिनिमम किराया पाँच रुपए से बढ़ाकर दस रुपए कर देती है तो कभी लंबी दूरी की बसों का 15 फ़ीसदी से ज़्यादा किराया बढ़ा देती है।

कभी आउट सोर्स को नौकरी से निकाल देती है तो कभी बेरोजगारों की आवाज़ दबाने की कोशिश करती है, कभी कर्मचारियों को मुकदमे के जोर पर डराती है। इसके साथ ही प्रदेश के लोगों से हिम केयर से होने वाले इलाज की सुविधा छीन लेती है। शगुन, सहारा, स्वावलंबन जैसी योजनाए बंद करती है। प्रदेश सरकार का किसानों के साथ किया जा रहा है यह बर्ताव ग़लत है और सरकार तानाशाही की बजाय मानवीय दृष्टि से विचार करे।

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

क्लस्टर विकास योजना से सशक्त होंगे एमएसएमई

हिमाचल प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग द्वारा शिमला के शोघी स्थित बिजनेस सेंटर में एक जागरूकता कार्यशाला का...

Sports Infrastructure Gets a Boost in State

Himachal Pradesh is fast emerging as ‘Khel Bhoomi’, a rising land of sporting excellence. Under the dynamic leadership...

4,852 Posts to be Filled in Jal Shakti Department: Agnihotri

Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri announced that the Himachal Pradesh government has approved the recruitment of 4,852 posts...

CS Directs Identification of Muck Dumping Sites Across Himachal

Chief Secretary Prabodh Saxena has directed all concerned authorities to identify suitable muck dumping sites across Himachal Pradesh,...