युद्धवीर सिंह ठाकुर कोष, लेखा एवं लॉटरीज विभाग(मुख्यालय) से संयुक्त निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए। महान व्यक्तित्व के धनी युद्धवीर सिंह ठाकुर जी का विभाग के विभिन्न क्षेत्रों में उत्थान महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वह न केवल कोष विभाग बल्कि वित्तीय मामलों में अन्य विभागों के लिए भी मार्गदर्शक व प्रेरणास्रोत रहे।
सेवानिवृति के इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक आदरणीय श्री दीपक भारद्वाज और संयुक्त निदेशक आदरणीय अरूण ओझा ने युद्धवीर सिंह ठाकुर को सम्मानित किया l मुख्यालय के अधिकारी व कर्मचारी वर्ग ने उनके साथ विभाग मे बिताए अनुभव साझा किए l इस अवसर पर उप निदेशक, राकेश धर्माणी, राकेश कुमार, राजेन्द्र डोगरा,जिला कोषाधिकारी इन्द्रदीप शर्मा,गौरव महाजन, कोषाधिकारी शीला वर्मा,पुनीत चौहान,सालिगराम, अधीक्षक सुनीता नामटा,उमा ठाकुर,प्रोमिला भारद्वाज,कमल शर्मा, हितेश,हैप्पी,सुरेश,अनूप,पुनीत सिह,मुनीश,विकास,मीनाक्षी शर्मा,स्नेह वर्मा,कविता शर्मा,आंचल, वंदना ठाकुर,स्वाति,सुमित्रा,आशा,रंजू,मन्नू व युद्धवीर सिंह के परिवार के सदस्य,पत्नि राधा ठाकुर, पुत्र संकल्प आदि शामिल रहे l
मंच संचालन सुनीता नामटा ने किया व उमा ठाकुर ने कविता के माध्यम से मुख्य अतिथि का अभिवादन किया l इसके अतिरिक्त जिला कोष नाहन के अधिकारी कर्मचारियों की ओर से प्रेषित मनमोहन शर्मा द्वारा रचित कविता के रूप में निम्न शुभकामना संदेश को अतिरिक्त निदेशक दीपक भारद्वाज जी के द्वारा पढ़ा गया।
शुभकामना संदेश
जटिल राहों का सफर
जो आसान बनाते हैं
असल जिंदगी में नायक
वही कहलाते हैं
यूं तो मिलकर बिछड़े
अनेकों शख्स जिंदगी में
खूबियां हों जिनकी खूब
अक्सर वही याद आते हैं
सिफ़त से वाक़िफ़
हम सब आपकी
सीना तान आपको
अपना बताते हैं
अलहदगी के इस समां में
करें तो क्या
आपको भेंट
दिलों पर सभी के राज रहे!
आपकी सुखद उम्र-दराज़ रहे!
आज यही दुआएं
दे जाते हैं।