मानव तस्करी में विशेष रुप से बच्चों व महिलाओं की तस्करी को रोकने के लिए विभागीय प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक आधार पर भी सभी को सजग होकर कार्य करने की आवश्यकता है यह विचार आज हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉक्टर डेजी ठाकुर ने आज गिटी थिएटर के सम्मेलन कक्ष में हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में मानव विरोधी तस्करी इकाई के लिए क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण के एक दिवसीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि पुलिस की मानव विरोधी तस्करी इकाइयों जिसमें 5 पुलिस जिला शिमला सोलन किन्नौर सिरमौर वकील शामिल है तथा एकीकृत बाल विकास परियोजना व अन्य हित धारक विभाग जो महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए कार्य कर रहे हैं इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल है। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी में महिला रोग बच्चों की तस्करी अधिक है पूरे विश्व और देश सहित प्रदेश के लिए भी यह एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है इस पर रोक लगाने के लिए किस प्रकार से अधिक से अधिक कार्य कर सकते हैं इस संबंध में यह प्रशिक्षण कार्यशाला अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव बुशरा अंसारी सिंह में स्वागत उद्बोधन में बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा पूरे देश में इस विषय पर कार्यशाला आयोजित की जा रही है जिसकी कड़ी में आज राज्य महिला आयोग द्वारा यह आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य मानव तस्करी को रोकने के लिए उस पर अधिक ध्यान दिया जाना आवश्यक है । मानव तस्करी को रोकने के लिए कार्य कर रही एजेंसी को इस संबंध में किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है साथ ही उसके निवारण के लिए क्या कार्य किए जाएंगे इस संबंध में भी कार्यशाला में चर्चा व संवाद होगा जिसके सार्थक बिंदु प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजीत श्रीवास्तव में हिमाचल प्रदेश मानव तस्करी के लिए स्रोत एवं गंतव्य के संबंध में जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक शिमला डॉ मोनिका भटुंगरु ने हिमाचल के संदर्भ में मानव विरोधी तस्करी इकाई के कार्य, इन इकाइयों के सुदृढ़ीकरण की जरूरतों तथा पुलिस द्वारा इस संदर्भ में चुनौतियों का सामना करने संबंधी जानकारी प्रदान की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय लीगल स्टडीज की सहायक प्रोफेसर डॉक्टर सीमा कश्यप ने मानव तस्करी से संबंधित विधिक जानकारी जिसमें मापदंड व निवारण शामिल है के संबंध में कार्यशाला में जानकारी व जागरूकता प्रदान की।  कार्यशाला में सम्बद्ध विभागों व हित धारक संगठनों के 70 से अधिक अधिकारी कर्मचारी व सदस्य उपस्थित थे।
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