पोषण अभियान के अंतर्गत वित्तिय वर्ष 2022-23 के लिए मुख्यमंत्री द्वारा घोषित व सरकार द्वारा स्वीकृत मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना को सफल बनाने के लिए बाल विकास परियोजना ठियोग के अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता निदेशक महिला एवं बाल विकास हिमाचल प्रदेश रूपाली ठाकुर ने की। मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एनएफएचएस-4 और एनएफएचएस-5 के डाटा का तुलनात्मक अवलोकन करने के उपरांत यह पाया गया है कि प्रदेश भर में कुपोषण के स्तर में वृद्धि हुई है और इस वृद्धि को रोकने व एनएफएचएस के आंकड़ों में सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना को पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग व शिक्षा विभाग के आपसी समन्वय से चलाया गया।
उन्होंने बताया कि यह योजना मुख्य रूप से सात स्तम्भों पर काम करेगी, जिसमें बच्चों में डायरिया व निमोनिया का शीघ्र पता लगाना, कुपोषित बच्चों की नियमित रूप से समीक्षा, पूरक पोषाहार प्रदान करने के लिए प्रोटीन युक्त आहार उपलब्ध कराना, उच्च रक्तचाप एवं अनीमिया से पीड़ित महिलाओं का समय से उपचार, कुपोषण से प्रभावित बच्चों का उपचार व आइईसी और निगरानी पर विशेष ध्यान शामिल है। उन्होंने बताया कि इस योजना में सामान्य बच्चों को 8 रुपये प्रति बच्चा के हिसाब से सप्ताह में दो बार अतिरिक्त प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार दिया जाएगा और अति कुपोषित व अल्प कुपोषित बच्चों को 12 रुपये प्रति बच्चा के हिसाब से सप्ताह के छः दिन अतिरिक्त प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार दिया जाएगा। उन्हांेने बताया कि हर माह के अंतिम शनिवार को बाल स्वास्थ्य क्लीनिक का आयोजन किया जाएगा और इस योजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान है।
उन्होंने इस योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग के साथ अभिसरण करने व माताओं को बच्चों के खाने में अंडे जैसे प्रोटीन युक्त भोजन देने पर जोर दिया। इस अवसर पर उन्होंने पोषण अभियान के अंतर्गत गर्भवती महिला की गोद भराई व एक छः माह के बच्चे का अन्न प्राश्न भी किया। इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाॅल ने सभी सभासदों को इस कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत करवाया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर जिला शिमला के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में योग शिविरों का आयोजन किया गया। शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष पर निदेशक ने बाल विकास परियोजना ठियोग के आंगनबाड़ी केन्द्र वार्ड नं. 2 में बच्चों के साथ योगाभ्यास किया व बच्चों को योग से होने वाले लाभों के बारे में अवगत करवाया। कार्यशाला में उपमण्डलाधिकारी ठियोग सौरभ जस्सल, स्वास्थ्य विभाग से डाॅ. निधि व डाॅ. रूचि, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी जिला शिमला, जिला समन्वयक व सभी खण्ड समन्वयक व सहायक, बाल विकास परियोजना के सभ पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थे।