November 13, 2025

पगडंडियां: डॉo कमल केo प्यासा

Date:

Share post:

डॉo कमल केo प्यासा
प्रेषक : डॉ. कमल के . प्यासा

पगडंडियां
अहसास दिलाती हैं,
गांव का
कस्बे का और
संकरा वा छोटा होना,
अपने ही वाजूद का।

पगडंडियां
मिलाती हैं, करीब लाती हैं और
मंजिल तक पहुंचती हैं,
मिटा के सभी तरह की
दूरियां ।

पगडंडियां
कभी बनाई नहीं जाती,
आधार शिलाएं इसकी
रखी नहीं जाती,
कोई बजट प्रावधान
न ही कोई उद्घाटन
होता है इनका ।

पगडंडियां
न बनती हैं,
न ही सजती संवरती हैं
किसी वीo आईo पीo
के आने जाने पे।
हां बस बनी रहती हैं
जैसी की वैसी ही
सदा सब के लिए ।

पगडंडियां
एक उपज (परिणाम)हैं
समय, श्रम, दूरदर्शिता, विवेक
और ऊर्जा संचय की।

पगडंडियां
बनती है,
बढ़ते उठते कदमों से,
संकरा होना इनका
बचाता है, डगमगाने से
आपस में टकराने से।

पगडंडियां
रही हैं, हमेशा दूर
छल व कपट से,
अपनी संस्कृति और
कला रूपी विरासत को
बचाने (सजोने)के लिए ।

पगडंडियां: डॉo कमल केo प्यासा

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

बर्फबारी से पहले जिला प्रशासन अलर्ट – उपायुक्त शिमला

शिमला में बर्फबारी से निपटने की तैयारियों की समीक्षा को लेकर उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में बैठक...

खेल ही नशा विरोधी सबसे मजबूत हथियार: अनुपम कश्यप

उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने आज जिला की विभिन्न खेल संघों के साथ बैठक में कहा कि समाज...

NHA, DHR & ICMR Extend Collaboration for Smarter Health Policy

The National Health Authority (NHA), the implementing agency of Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (AB-PMJAY) and...

गुम्मा के सनरॉक प्ले स्कूल में बच्चों ने मनाई ग्रेजुएशन सेरेमनी

सनरॉक प्ले स्कूल, गुम्मा (कोटखाई) में हर्षोल्लास के साथ “ग्रेजुएशन सेरेमनी” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर...