नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि राज्य में भ्रष्टाचार हर स्तर पर फैला हुआ है और जहां भी निष्पक्ष जांच की जाएगी, वहां भ्रष्टाचार की परतें खुलेंगी। उन्होंने कहा कि हालिया घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार की संरक्षण में व्यवस्था में गिरावट और अनियमितताएं लगातार बढ़ रही हैं।
उन्होंने जल शक्ति विभाग के टेंडर प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि टेंडर प्रक्रिया में मनमानी करते हुए परियोजनाओं को छोटे-छोटे भागों में बांटा गया, ताकि मनचाहे लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप कर संबंधित अधिकारी को हटाने और भविष्य में महत्वपूर्ण पद न देने का निर्देश देकर प्रदेश हित की रक्षा की है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यह तो सिर्फ एक उदाहरण है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग में भी करोड़ों रुपये के घोटालों की आशंका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए 521.68 करोड़ रुपये के खर्च की जांच के निर्देश उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र को दिए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार ने इन धनराशियों का पारदर्शी उपयोग नहीं किया।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्कूटर और मोटरसाइकिलों के नाम पर पानी की आपूर्ति और मिट्टी ढुलाई जैसे मामलों में भी बड़े घोटाले हुए हैं, लेकिन इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बिजली बोर्ड और ऊर्जा निगम में भी अव्यवस्थाओं का हवाला देते हुए कहा कि सत्ता का तंत्र खुद भ्रष्टाचार के संरक्षण में लगा हुआ है।
उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार, चाहे स्वास्थ्य हो या जल शक्ति विभाग, कई मामलों में जवाबदेही से बच रही है और न्यायालयों के हस्तक्षेप के बाद ही कोई सीमित कार्रवाई की जाती है।