कीक्ली रिपोर्टर, 13 मई, 2015, शिमला
नशा एक धीमा जहर है, जो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर ही नहीं करता अपितु उसे मौत का ग्रास बना देता है। आज समाज में तीव्र गति से फैल रहे नशे की प्रवृति को रोकने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपना भरपूर सहयोग देना होगा तभी हम अपने बच्चों, समाज व देश को नशामुक्त बना सकेंगें। यह बात आज हिमाचल प्रदेश रैड क्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्षा श्रीमती प्रतिभा सिंह ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी शिमला में ‘मादक द्रव्य निषेध’ विषय पर आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कही।
श्रीमती प्रतिभा सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश रैड क्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा द्वारा स्कूलों में 12वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों को नशीले पदार्थाे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है । उन्होंने कहा कि युवा पीढी भविष्य की निर्माता है इसलिए युवाओं को तन, मन व बुद्धि से पूर्णतया तंदरूस्त होना चाहिए। किसी भी प्रकार का नशे का सेवन मनुष्य को खोखला कर देता है, प्रदेश सरकार द्वारा समाज से नशाखोरी की प्रवृति को रोकने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी सार्वजनिक स्थलों में ध्रुमपान पूर्णतया निषेध किया गया है। तम्बाकू नियंत्रण कानून के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को सिगरेट, तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। नशीले पदार्थ अधिनियम 1985 के तहत भांग, अफीम, चरस आदि के नशों के प्रयोग में आने वाली आपत्तिजनक वस्तुओं के साथ पकड़े जाने पर 10 वर्ष की कैद व एक लाख रूपए तक जुर्माने की सजा का प्रावधान है। श्रीमती प्रतिभा सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इंदिरा गांधी मैडिकल कॉलेज अस्पताल शिमला व टांडा में नशा उन्मूलन केंद्रो में प्रतिवर्ष नशे की गिरफ्त में लाचार युवाओं को नशे के चंगुल से आजाद कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा भी युवा पीढी को नशीले पदार्थो से दूर रखनेे के लिए समय समय पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों की भी अहम् भूमिका है।
उन्होंने कहा कि अभिभावकों व अध्यापकों का कर्तव्य है कि वे केवल अपने बच्चे ही नहीं, अपितु समाज के अन्य बच्चों को भी नशीले पदार्थो के सेवन से रोकने का भरसक प्रयास करे। इस अवसर पर हरियाणा से श्री सतीश गुगलानी, विशेषज्ञ नशा उन्मूलन संघ, ने विद्यार्थियों को नशीले पदार्थाे से मानव शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया तथा नशे को छोडने के लिए प्राणायाम तथा औषधि सेवन के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी के मुख्याध्यापक श्री संजय मेहता ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा नशा मुक्ति कार्यक्रम के आयोजन के लिए आभार प्रकट किया। जिला रैडक्रॉस सोसायटी शिमला की अस्पताल कल्याण शाखा की अवैतनिक सचिव, श्रीमती पूनम चौहान ने बताया कि सोसायटी द्वारा विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को नशीले पदार्थो से दूर रखने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस कड़ी के अंतर्गत ही आज इस कार्यक्रम का शुभारम्भ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी से किया गया तथा इसी प्रकार का एक अन्य कार्यक्रम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संजौली में भी आयोजित किया गया।
इस सैमिनार में उपमंडलाधिकारी शिमला शहरी श्री हेमिस नेगी, हिमाचल प्रदेश रैडक्रॉस सोसायटी अस्पताल कल्याण शाखा शिमला के सचिव श्री प्रमोद सिंह राणा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी के अध्यापकों तथा विद्यार्थियों ने भाग लिया।