प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत शिमला जिले की 10 पंचायतों को मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। पूर्व में चयनित चार गांवों में से दो के नगर पंचायत सीमा में आने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसके पश्चात आठ नए गांव—त्याल, छकड़ैल, दत्त नगर, कितबाड़ी, परहेच, शिंगला, सराहन, कुमारसैन, बौंडा और मेहली—को योजना में शामिल किया गया है। इन पंचायतों के लाभार्थियों को अब 28 फरवरी 2026 तक सभी औपचारिकताएं पूर्ण करनी होंगी। बैठक में बताया गया कि जिले में अब तक केवल 676 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश ने वेंडर का चयन नहीं किया है या दस्तावेज अपूर्ण हैं, जिससे योजना के क्रियान्वयन में बाधा आ रही है। उपायुक्त ने सभी आवेदकों से पोर्टल पर वेंडर चयन सहित प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने की अपील की है और विद्युत विभाग व हिमऊर्जा को आवेदकों को मार्गदर्शन देने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत हर सौर रूफटॉप इंस्टॉलेशन पर पंचायतों को ₹1,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, और जिस पंचायत में सबसे अधिक सोलर यूनिट स्थापित होंगी, उसे ₹1 करोड़ का पुरस्कार मिलेगा। योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने को प्रोत्साहित करना है। पात्रता के अंतर्गत 2 किलोवाट तक की इकाई पर 60% और 2 से 3 किलोवाट तक की अतिरिक्त क्षमता पर 40% सब्सिडी दी जाती है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹85,000 तक हो सकती है। योजना का संचालन हिमऊर्जा द्वारा तथा क्रियान्वयन राज्य विद्युत विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। आवेदनकर्ता https://www.pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और प्रक्रिया पूरी होने पर 30 दिनों के भीतर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।