July 17, 2025

सनरॉक प्ले स्कूल संकट मोचन शिमला में में दशहरा पर्व का आयोजन

Date:

Share post:

सनरॉक प्ले स्कूल,फ्रेंड्स कॉलोनी ,नज़दीक संकट मोचन मंदिर ,शिमला, में दशहरा पर्व का आयोजन बड़े धूम धाम से किया गया। जिसमें बच्चों , अभिभावकों व स्टाफ की समस्त सदस्याओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया व रावण, कुम्भकरण तथा मेघनाथ के पुतलों का भी दहन किया गया। नन्हे मुन्ने बच्चों ने आकर्षक वेष भूषा में राम, सीता, हनुमान, रावण आदि किरदारों को बहुत ही आकर्षक रूप से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्ले स्कूल की प्रधानाचार्य शैलजा अमरेईक ने सभी प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाए देते हुए नन्हे मुन्ने बच्चों को दशहरा पर्व को मनाये जाने के महत्व पर विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। दशहरा का पर्व हमें दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह,मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा देता है।

सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी दशहरा की विशेष महत्ता है। इस दिन देश भर में रावण के पुतले बना कर उसे प्रज्वलित करके बुराइयों से दूर रहने की शिक्षा दी जाती है। इस रावन दहन समारोह में समाज के हर वर्ग और तबके की भागीदारी एकता का भी सन्देश देती है। बुराई पर अच्छाई की जीत का ये उत्सव भारतीय जनमानस के बीच उदाहरण के रूप में हर वर्ष प्रस्तुत करना सामाजिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त दशहरा से पहले और इस दौरान देश भर में रामलीला का आयोजन कर श्री राम की कथा के माध्यम से सही रास्ते पर चलने और अपने कर्तव्यों का सही से पालन करने की शिक्षा सदियों से मिलती आ रही है। रामलीला खुद में एक उत्सव से कम नहीं होता। यह हमारे देश की महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विरासतों में से एक है, जो सदियों से निरंतर लोगों का मनोरंजन करती आई है। हिमाचल के कुल्लू में भी दशहरा विशेष रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्ले स्कूल की प्रधानाचार्य शैलजा अमरेईक ने कहा कि सनरॉक प्ले स्कूल क्षेत्र के बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा प्रदान करने व बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सदेव प्रयासरत रहता है व संबधित क्षेत्र के लोगों की आशाओं व अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए प्रत्यनशील है। इस अवसर पर छोटे छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर भाग लिया व खूब मस्ती की। उलेखनिय है कि सनरॉक प्ले स्कूल इन नन्हे बच्चों के लिए अक्सर विभिन्न कार्यक्रमों का समय-समय आयोजन करता रहता है जिससे कि बच्चों को अपनी संस्कृति व सभ्यता से अवगत करवाया जा सके। प्रधानाचार्या यह भी जानकारी दी कि सनरॉक प्ले स्कूल में नर्सरी, के०जी० व क्रेच की सुविधा भी उपलब्ध है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

काल अष्टमी: शिव ने किया ब्रह्मा का अहंकार भंग – डॉ. कमल के. प्यासा

डॉ. कमल के. प्यासा - मंडी शिव पुराण व स्कंद पुराण में एक कथा आती है जिसमें काल भैरव...

Himachal to Get Early Warning System for Disasters

In a significant step towards strengthening disaster preparedness, the Cabinet Sub-Committee on Disaster Management and Rehabilitation, chaired by...

Himachal to Get Higher Royalty from JSW

In a major legal victory, the Himachal Pradesh government will now receive 18% royalty from the 1045 MW...

राज्यपाल की अपील: “टीबी हारेगा – प्रदेश जीतेगा, देश जीतेगा”

हिमाचल प्रदेश टी.बी. उन्मूलन की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्य के रूप में सराहनीय कार्य कर...