सहर — किरण वर्मा
किरण वर्मा, गांव रेहलमूक, अभिशप्त, भयभीत सी
नन्ही सी जान मैं
लालायित पंख पसारने को
आने को इस जहान में
कितने सपने, कितने अरमान
बसा कर हृदय में
व्यतीत कर...
मेरे गांव की नदी
किरण वर्मा, गाँव रेहल
मेरे गांव में बहती है एक नदी
स्वच्छ, निर्मल धारा जिसकी ।
ना जाने कितनों की प्यास बुझाती।
सिंचित कर बाग बगीचे
किसानों के हर्ष...