कुर्सी (बापू से पूछे आवाम)
डॉ. कमल के. प्यासाबापू तेरे देश मेंचली लड़ाई कुर्सी की!कुर्सी कुर्सी कुर्सी,कुर्सी बन गई खुद इक खेल!गांव और कस्बे में कुर्सीसांसद और परिषद में...
बुलंदियां: डॉ. कमल के. प्यासा
डॉ. कमल के. प्यासा
बुलंदियां छूना ऊंचा उठाना, अच्छा लगता है खुद को, सब को! बुलंदियां बढ़ाती हैं, दूरियां और फासले! जिनसे पनपते हैं भरम...