April 19, 2025

Tag: प्रकृति पर कविता

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अपना गांव तो आजकल गुलसितां है लगता – रवींद्र कुमार शर्मा

अपना गांव तो आजकल गुलसितां है लगताहर तरफ रंग बिरंगे फूलों का बाजार है सजताजिधर भी नज़र दौड़ाएं फूल ही फूल हैं नज़र आतेहर...

आ गया बसंत ऋतुओं का सरताज – रवींद्र कुमार शर्मा

आ गया बसंत ऋतुओं का सरताजडाली डाली फूल लगे हैं खिलनेप्रेम रस नस नस में है बहने लगाआतुर है सजनी साजन से मिलनेभंवरों की...