June 1, 2025

Tag: प्रेमकविता

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रात रोई है: डॉo कमल केo प्यासा

रातरात रोई हैरात भर ! कुछ सहमी सहमी,डरी डरी,कुछ ठंडी ठंडी औरकुछ भीगी भीगी सी,साक्षी भौंर पुकार उठी ! बूंद बूंद ये मोती,कलियों पे हरियाली पेफूलों...

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