July 6, 2025

Tag: बहुपेशी भूमिकाएँ

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बेटी :डॉo कमल केo प्यासा द्वारा त्याग और सहनशीलता की कविता

बेटीचूल्हा चौकाघर आंगनभाई बहिनसब देखती थी,सियानी हुईबेगानी इमानतकह ,विधा हुई !घर छूटाछूटे सभी अपनेबिखर गए सपनेनए रिश्तों मेंबेचारी जकड़ी गई ! बेटीबनी दुल्हनबहू कहलाई,निभाती रही...

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