November 13, 2025

Tag: भावनात्मक कविता

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तुम कहां चले गए, याद बहुत आती है: डॉo कमल केo प्यासा

क्या कहूं कैसे कहूं किसे बताऊं कैसे बताऊं अंदर की बात तुम थे कुछ खास तुम ही याद आए ! किसे बताऊं किसे सुनाऊं...

पैंतरा: डॉo कमल केo प्यासा की एक कविता

मौसम ने लीकरवट,गिरगिट ने रंगबदले !थाली के बैंगनबेपैंदे लोटे,सब लुढ़के,लुढ़कने लगे ! छुट पुट बादलछटं गए सब,अंगड़ाई ली फिरमौसम ने !नहीं बदले गाक्या फिर कल...

मां : डॉ. कमल के प्यासा की कविता

प्रेषक : डॉ. कमल के . प्यासा मां,अम्मा,अम्मी,मम्मी या माममाता,मैया, माई या माऊहर शब्द में छिपी है ममता तेरी मांतुम्हें किस नाम से पुकारूं...

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