November 21, 2024

Tag: यात्रा

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फायदा: लघुकथा

रणजोध सिंहविमल के पिताश्री का स्वर्गवास हुए कुछ ही दिन हुए थे मगर न चाहते हुए भी विमल को सपरिवार एक पारिवारिक समारोह...

प्यारी मम्मी: डॉo कमल केo प्यासा

मम्मी _मम्मी मेरी प्यारी मम्मीकब नानी के घर जाओगी ?माल_पूड़ा और दाल कचौड़ीक्या इस बार नहीं बनाओगी ?मम्मी मम्मी मेरी प्यारी मम्मीकब नानी के...

दोस्ती का उपहार: डा० कमल के० प्यासा

शिमला से एम.फिल करने के पश्चात पंकज अपनी नौकरी में ऐसा रमा कि उसे अपने सभी संगी साथी भी भूल बिसर गए। आज बरसों...

‘खिड़की वाली सीट’: रणजोध सिंह

रमेश आज अत्यंत प्रसन्न था, होता भी क्यों न, लम्बे समय के बाद उसे मित्रों संग मां वैष्णो के दरबार में जाने का अवसर...