यादें: एक कविता
डॉ. कमल के. प्यासायादें
याद आती हैं
जाती नहीं,
याद ही रह जाती हैं
जिंदगी भर!यादें
यादों में रह कर
आती हैं सताती हैं,
कमबख्त तरह तरह की
फितरतें दिखा,
खूब...
तुम कहां चले गए, याद बहुत आती है: डॉo कमल केo प्यासा
क्या कहूं कैसे कहूं किसे बताऊं कैसे बताऊं अंदर की बात तुम थे कुछ खास तुम ही याद आए !किसे बताऊं किसे सुनाऊं...
दोस्ती का उपहार: डा० कमल के० प्यासा
शिमला से एम.फिल करने के पश्चात पंकज अपनी नौकरी में ऐसा रमा कि उसे अपने सभी संगी साथी भी भूल बिसर गए। आज बरसों...
वो: डॉक्टर जय महलवाल
वो जब आते हैं,ख्वाबों में,खयालों में,क्यों,लूट ले जाते हैं,दिल का चैनों अमन,और,हम खो जातें हैं,मय के प्यालों में,वो,जब मिल के बिछुड़ जातें है,तो यूं...