इस उम्मीद के साथ कि यह समय हमें अधिक मानवीय बनाएग, प्रस्तुत है, कविताओं की कड़ी में एक और कविता... ऐसी क्या ख़ास थी!
https://www.youtube.com/watch?v=Ye81uHeE6XQ
Neelam...
नवनीत कालिया, शिमला
कितना कुछ था ज़िन्दगी में, जब covid नहीं था।
Covid, इतना बेरहम, इतना निर्देयी।
मैं, इस बात से अनजान, अनभिज्ञ।।
बस, अपनी मासूमियत में, इस...
दीप्ति सारस्वत प्रतिमा
अपना खयाल रखना
अपना खूब खयाल रखना
अपनों की मिठास घुली
औपचारिक आवाज़ें
वरिष्ठ नागरिक के
कानों में गूंजती
जब - जब वे
अपने घर में अकेले
तकलीफ़ में होते...