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स्वतन्त्रता सैनानी — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
आजादी के दीवाने अगर
उस वक्त मौत से डर जाते
तो सच कहता हूं हम कभी
इस देश में आजादी नहीं पाते।
हमने सुनी है पूरी कहानी
अपने...
मेरे गांव की नदी
किरण वर्मा, गाँव रेहल
मेरे गांव में बहती है एक नदी
स्वच्छ, निर्मल धारा जिसकी ।
ना जाने कितनों की प्यास बुझाती।
सिंचित कर बाग बगीचे
किसानों के हर्ष का कारण बनती
मेरे गांव में बहती है...
My Class Circus — Manvika Chauhan
Manvika Chauhan, Class 9, Daisy Dales Senior Secondary School, New Delhi
We are the most ridiculous class,
That's what everyone say.
We can beat you anytime,
Or maybe today.
We are the class 9A,
And we are...
उग्रवाद — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
सो रही है दुनिया
जाग रही हैं अखियां
मन की चिन्ता बढ़ा रही
अखबार की सुर्खियां ।
कुछ उग्रवादियों ने
सेना को ललकारा है
हमारे लाल ने भी वहां
आज...
शेर दिल — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
शेर दिल खड़ें हैं सरहद पर
दिन रात रहे दहाड़
दुश्मन कहीं दिखा नहीं
हुई समझो दो-फाड़।
थर-थर दुश्मन कांपता
छुपने को ढूंढता दिवार
इन शेरों से कोई हमें...
जीवन एक पहेली — कोमल
कोमल, बीएससी मेडिकल, 1st ईयर, बैजनाथ गवर्नमेंट कॉलेज
जीवन एक पहेली है,
संघर्ष इसकी सहेली है।
मंजिलों तक उड़ाने हैं
गगन की और निगाहें आसान नहीं होती
कभी रास्तों से मुलाकाते हैं
थम जाए वह हौसले नहीं...
न होने में होने की संभावनाओं को देखती कविताएं — जीने के लिए ज़मीन
एक कविता लिखने में पहला कदम लिखने के लिए एक विषय का निर्धारण करना होता है, यह तय करना काफी मुश्किल है कि आप क्या लिखना चाहते हैं, या अपनी किन...
अँधेरा है कुछ पहर — कोमल
कोमल, बीएससी मेडिकल, 1st ईयर, बैजनाथ गवर्नमेंट कॉलेज
अँधेरा है कुछ पहर
चलना है अभी रास्तों पर
जल कर चमकना है
सूरज जैसा बनना है.......
अंधेरों में भी अब
चाँद जैसा तुझे दिखना है
खुद की तालाश...
मासूम चाहतें — नीलम भट्ट
https://youtu.be/CgibtK5vPrQ
Neelam Bhatt, born in Delhi, but originally from Uttarakhand has spent her formative years in her hometown, she then came back to Delhi and has been living here since.
She has been...
सोचता हूं किस पर क्या लिखूं — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
सोचता हूं किस पर क्या लिखूं
हर एक यहां परेशान है
सारे जहां में घूम कर देखा
सुखी दिखा नहीं इन्सान है।
कोई दुखी अपने पड़ोस से
कोई...
बहती नदिया — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
बहती नदिया से मैने पूछा
कहां तुम्हारी मंजिल है
धैर्य दृढ़ता से वह बोली
जाना जहां समन्दर है।
मंजिल तुम्हारी दूर बहुत है
कैसे वहां तक...
पेड़ों के झुरमुट से — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
पेड़ों के झुरमुट से
जो मैंने चांद को देखा
दिल धड़का, दिल धड़का,
दिल धड़कता ही रह गया
उसका वो प्यारा सा चेहरा
चैन छीन ले गया मेरा
यह...