October 15, 2024

Tag: poem

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नहीं भूलते यादों के वह ख़ज़ाने — रविंदर कुमार शर्मा

रविंदर कुमार शर्मा, घुमारवीं, जिला बिलासपुररहते हैं संग मेरे वो यादों के खजानें याद आते हैं वो अपने जो अब हो गए बेगाने नहीं भूलते यादों...

Rainy Day Blues: A Poem by Pakhi Chauhan

Rain falls down, I feel blue Grey skies nothing to do. Memories of happy times, wash away, like raindrop rhymesRainy days we play inside...

आज़ादी की पहली सुबह

डॉ. जय महलवालबहुत याद आती है वो आज़ादी की पहली सुबह,15 अगस्त 1947 को था जब भारत में तिरंगा फहराया।हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई...

खुलकर मुस्कुराया करो

प्रो. रणजोध सिंह हर वक्त संजीदा रहना कोई अच्छी बात नहीं खुलकर मुस्कुराया करो। बारिशों का मौसम है जनाब! कभी-कभी थोड़ा भीग भी जाया करो।माना इस जहाँ में पूरी नहीं होती...

Ode to my shoes

Divyh Vashisht  My blue running shoes are very cool and it makes many girls drool, Seeing them I feel elated and wearing them I feel rejuvenated.They...

Complicated Minds

Shiju H. Pallithazheth She is quite wacky; During extremes, quite cracky! By nature, unusual and unpredictable, But look wise, quite irresistible! You would have come across many such rare...