December 3, 2024

ईश्वर तुम्हारा भला करे – रणजोध सिंह

Date:

Share post:

रणजोध सिंह, नालागढ़

एक तो सड़क तंग थी और उस पर ट्रैफिक भी काफी ज्यादा था, अत: जोशी जी बहुत धीरे-धीरे कार चला रहे थे| तभी एक अन्य कार बड़ी तेज गति से पीछे की तरफ से आई और उनसे पास लेने की कोशिश करने लगी जो लगभग असम्भव था| मगर उस कार का ड्राइवर कुछ ज्यादा ही उतावला था, वह लगातार हॉर्न पर हॉर्न बजा रहा था| क्योंकि सड़क काफी तंग थी इसलिए जोशी जी चाहकर भी उसे पास नहीं दे पा रहे थे| उस कार के कर्कश हॉर्न से दुखी होकर जोशी जी ने अपनी कार को रोड के बिल्कुल किनारे खड़ा कर दिया और दूसरी कार बिजली की गति से आगे निकल गई, जिसे एक युवक चला रहा था|

जोशी जी के आचार्य की सीमा न रही जब उन्होंने उसी कार को अगले ही मोड़ पर खड़े हुए देखा| वहां पहुंचकर उन्होंने किसी अनहोनी की आशंका से अपनी कार को रोककर उस युवक से पूछा, “क्या हुआ सब ठीक तो है?”

“क्यों मुझे क्या होना है? यह मेरा घर है, घर आ गया तो मैंने कार रोक दी, आपको क्या कष्ट है?” युवक ने बड़ी लापरवाही से कहा|

“नहीं दोस्त, मुझे तो कोई कष्ट नहीं है मगर पिछले मोड़ पर तुम हॉर्न पर हॉर्न बजा रहे थे, मुझे लगा कि तुम अवश्य ही किसी कष्ट में हो या तुम्हें किसी जरूरी काम के कारण अपने मौकाम पर जल्दी पहुंचना है|” जोशी जी थोड़ी देर के लिए रुके और फिर थोडा गंभीर होकर बोले, “मगर सत्य तो यह है कि तुमने मुझसे पास भी ऐसे लिया जैसे कहीं आग बुझाने जा रहे हो| मैं तो डर ही गया था कि कहीं तुम्हारा एक्सीडेंट न हो जाए| जब तुम्हें पता था कि अगले ही मोड़ पर तुम्हारा घर है, तो इतना रिस्क लेने की क्या आवश्यकता थी?” जोशी जी ने एक वरिष्ठ नागरिक होने के नाते उसे समझाने की कोशिश की|

“देखो अंकल एक तो आप मुझे पास नहीं दे रहे थे, आपने मेरा इतना टाइम खराब किया और अब आप मुझे नसीहत भी दे रहे हो| अगर आपको गाड़ी चलानी नहीं आती तो इसमें मेरा क्या कसूर?” उसने गुस्से से कहा|

वह युवक जिस घर के सामने खड़ा हुआ था उस घर का मालिक संयोग से जोशी जी की जान पहचान का था| उसे मित्र तो नहीं कहा जा सकता था परन्तु यदा-कदा जोशी जी और उसकी दुआ-सलाम होती रहती थी| जोशी जी ने उस युवा से पूछा, “कहीं तुम देवी राम के पुत्र तो नहीं?”

“हां मैं उनका छोटा बेटा हूं|” युवक ने तनिक आश्चर्य से बोला|

“चलो तुम्हारे पापा से मिल लेता हूं वह मेरे मित्र हैं|” जोशी जी ने प्रसन्नता पूर्वक कहा|

“अच्छा तो अब आप मेरे पापा से मेरी शिकायत करोगे? कोई बात नहीं, आप यह भी करके देख लो| मैं क्या पापा से डरता हूँ|” उसने गुस्से से कहा| जोशी जी खिल खिलाकर हँस पड़े और मुस्कुराते हुए बोले, “अच्छा दोस्त, फिर मैं चलता हूँ, क्योंकि मेरी पहुँच तो तुम्हारे पापा तक ही थी| अब यदि तुम अपने पापा से भी नहीं डरते, तब मेरे जैसा आदमी क्या कर सकते है! ईश्वर तुम्हारा भला करे|” इतना कहकर जोशी जी तुरंत अपनी कार में सवार हो अपने घर की तरफ चल दिए|

Keekli Bureau
Keekli Bureau
Dear Reader, we are dedicated to delivering unbiased, in-depth journalism that seeks the truth and amplifies voices often left unheard. To continue our mission, we need your support. Every contribution, no matter the amount, helps sustain our research, reporting and the impact we strive to make. Join us in safeguarding the integrity and transparency of independent journalism. Your support fosters a free press, diverse viewpoints and an informed democracy. Thank you for supporting independent journalism.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

CM Sukhu Chairs 49th Tribal Advisory Council Meeting

Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu here today presided over the 49th meeting of the Himachal Pradesh Tribal...

Nathpa Jhakri Hydro Power Station Sets Energy Generation Record

SJVN’s flagship 1500 MW Nathpa Jhakri Hydro Power Station (NJHPS) has reached a remarkable milestone by achieving its...

Sadbhavna Cricket Cup 2024: Unity Through Sports

The Him Sports and Cultural Association (HSCA) is organizing the Sadbhavna Cricket Cup 2024, an event promoting camaraderie...

Industries Department Launches Campaign Against Illegal Mining

The Industries Department has initiated a focused campaign to curb illegal mining activities across the state. Sharing details...