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Love Story

Golden Radiance and Silver Luminescence: A Love Story

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Khushboo Agrahari, New Delhi Once upon a time, in a celestial realm far beyond the reach of humanity, there existed a magical love story between the Moon and the Sun. They were...

जल्लाद बुढ़िया — जयवन्ती डिमरी

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जयवन्ती डिमरी आज सुबह शोरगुल से फिर उसकी नींद खुल गयी। खिड़की खोलकर बाहर झांका। बिल्कुल घुप्प अंधेरा था। उसने जी-भर कर इस मोहल्ले को कोसा। चार पैसे बचाने के चक्कर में...

कागज़ की नांव — डॉ उषा बन्दे

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डॉ उषा बन्दे बाहर मुसलाधार बारिश हो रही थी। लंच ब्रेक की घंटी बजी। बच्चों को ताकीद मिली कि लंच ब्रेक में कोई भी बाहर नहीं जाएगा। कक्षा में बैठकर ही खाना खाएं।...

नटखट भयो राम जी — गंगा राम राजी

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गंगा राम राजी  दादा राम के घर दो पोते, बस समझो सारे घर में कोहराम सा मच जाता जब दोनों बच्चे स्कूल से घर पहुंचते। दादा की नजरें भी पोते पर हमेशा...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

अभाव की राजनीति (बाल कहानी) — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह सिद्धार्थ जी, यूं तो सरकारी स्कूल में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक थे, मगर फिर भी गांव के लोग उन्हें मास्टर जी तथा बच्चे गुरु जी कहकर ही पुकारा करते थे...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

उपहास (कहानी) — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह मई का महीना था| शिमला का माल रोड सदा की भांति सैलानियों से भरा हुआ था| कंबरमियर पोस्ट ऑफिस के पास इंदिरा गांधी युवा खेल परिसर में सैलानियों को आकर्षित...
Love Story

Sparkles of Enchantment: Divine Protector of Beauty and Blessings

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Khushboo Agrahari, New Delhi Once upon a time, in a magical land filled with vibrant colors and enchanting creatures, there lived a young girl named Lily. Lily had a heart as pure...

धंसाव

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रोमिता शर्मा    मासूम व अबोध बालक टिक्कू बचपन से ही घर के ठीक सामने सीना ताने पहाड़ को देखता आया था । सुबह-सुबह जब नीदं खुलती तो पहाड़ के पीछे से आती...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

काबिल बहु

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रणजोध सिंह सलमा का बड़ा बेटा आरिफ दस-जमा-दो करने के पश्चात एक निजी कंपनी में सुरक्षा कर्मचारी के रूप में कार्यरत हो गया था | घर में चार पैसे आने लगे तो...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

बटन — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह हमारे देश में माता-पिता और गुरु को देवताओं के समकक्ष रखा गया है | इनमें भी माता का दर्जा सबसे महान है क्योंकि हर माँ हर हाल में अपने बच्चों...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

इतनी सी हमदर्दी — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह संध्या अपने रोते-बिल्खते नन्हे शिशु को किसी तरह नौकरानी के हवाले कर, हांफते हुए बस-स्टैंड पहुँची, परन्तु बस पहले ही निकल चुकी थी | अभी तक तो उसके कानो में...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

चांटा — प्रो. रणजोध सिंह

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प्रो. रणजोध सिंह जोगी उम्र के उस पड़ाव पर था जहाँ पर बच्चे सारा दिन मस्ती करने के पश्चात घर आकर माँ-बाप पर रौब जमाते हैं कि वो कॉलेज में पढ़कर आए...