प्रदेश में पेयजल की स्थिति का जायजा लेने के लिए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की। बैठक में सचिव जल शक्ति अमिताभ अवस्थी, प्रमुख अभियंता धर्मेन्द्र गिल, मुख्य अभियंताओं सहित प्रदेश के सभी अधीक्षण अभियंता व अधिशाषी अभियंता शामिल रहे। बैठक में उप मुख्यमंत्री ने जिलावार व वृतवार पूरे प्रदेश की पेयजल योजनाओं की स्थिति की सघन समीक्षा की। उन्होंने सभी पेयजल स्कीमों को शीघ्र बहाल करने और जलापूर्ति को सुचारू रूप से चलाने के निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कीमों की बहाली के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। इसके लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से भी मदद ली जाएगी।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर में अभी तक पेयजल स्कीमों सहित सिंचाई एवं सीवरेज योजनाओं में लगभग 350 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहां पेयजल स्कीमों में अधिक नुकसान हुआ है और जल्दी बहाल किए जाने की संभावना नहीं है वहां पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अन्य स्कीमों से वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। वहीं उन्होंने क्षतिग्रस्त हुई 59 सीवरेज योजनाओं की शीघ्र मरम्मत के आदेश भी दिए ताकि जल जनित रोगों का खतरा पैदा न हो। सचिव जल शक्ति विभाग अमिताभ अवस्थी ने जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 3737 स्कीमें आंशिक और पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुई थी जिनमें से 2181 स्कीमों को बहाल कर दिया गया है।

सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पेयजल उपलब्ध करवाने के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि पेयजल की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न करें। पानी के सैंपल नियमित रूप से लिए जाएं और पानी में उचित मात्रा में क्लोरिनेशन भी की जाए। उन्होंने सभी मुख्य अभियंताओं से व्यक्तिगत तौर पर इसकी निगरानी करने के निर्देश दिए। सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि कार्य के मामले में कोई ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रमुख अभियंता जल शक्ति विभाग धर्मेन्द्र गिल ने उप मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि विभाग की ओर से पेयजल बहाली के कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बाबत विभाग की ओर से फील्ड अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पहले ही एक एडवाइजरी जारी की जा चुकी है।

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