हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को उस समय भारी हंगामा देखने को मिला जब उपचुनाव से जुड़े सवालों का जवाब न मिलने पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर सूचनाएं छुपा रही है ताकि देहरा उपचुनाव में हुई धांधली सामने न आ सके। उन्होंने मुख्यमंत्री पर चुनाव के दौरान सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि देहरा विधानसभा क्षेत्र में महिला मंडलों को चुनाव के समय 50-50 हजार रुपये बांटे गए थे, जिसकी जानकारी वे एक साल से ज्यादा समय से विधानसभा में मांग रहे हैं। बावजूद इसके, सरकार हर बार यही कह रही है कि सूचना एकत्र की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब वही सूचना RTI से प्राप्त हो सकती है, तो उसे सदन में क्यों नहीं रखा जा रहा? उन्होंने इसे विपक्ष और सदन दोनों का अपमान बताया।
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि उपचुनाव के दौरान 64 महिला मंडलों को 50-50 हजार रुपये और 1000 से अधिक महिलाओं के खातों में 4500-4500 रुपये ट्रांसफर किए गए। उन्होंने कहा, “यह सीधा वोटों पर डाका है। मुख्यमंत्री ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए चुनाव में सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया। कांग्रेस एक ओर देश में वोट चोरी का ड्रामा करती है, लेकिन हिमाचल में खुद वोट चुराती है।”
जयराम ठाकुर ने सरकार पर गंभीर मुद्दों को टालने और मज़ाक में बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार न तो जवाब देने को तैयार है और न ही जिम्मेदारी लेने को। “मुख्यमंत्री सदन में झूठ बोलते हैं, मंत्री गंभीर मुद्दों पर भी हँसी ठिठोली करते हैं। यह सरकार सिर्फ मित्रों की सरकार बनकर रह गई है,” उन्होंने आरोप लगाया।
विपक्ष के नेता ने सरकार पर राज्य की संपत्तियों को बेचने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की जमीन बेचने की कोशिश की गई, जिस पर अदालत ने रोक लगाई है। “यह सरकार विकास नहीं, विनाश के रास्ते पर है,” उन्होंने कहा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में सरकार अपनी कोई ठोस उपलब्धि नहीं गिना सकी और हर सवाल पर बैकफुट पर रही। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सब देख रही है और समय आने पर जवाब देगी। “हिमाचल को भगवान और झूठ के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता,” उन्होंने कहा।