कीक्ली रिपोर्टर, 11 जुलाई, 2016, शिमला
उपायुक्त शिमला रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि जिला के बाल तथा बालिका आश्रमों व चिल्ड्रन होम में रह रहे जमा एक व जमा दो कक्षा के छात्रों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विचार किया जा रहा है, ताकि उन्हें पढ़ाई के बाद स्वरोजगार प्राप्त करने में मदद मिल सके। वह आज यहां जिला बाल संरक्षण कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जा रहा है कि इन आश्रमों में छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु खेल कूद गतिविधियों के लिए आधारभूत ढ़ांचा और सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को आश्रमों में चल रहे निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने के लिए के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी बाल-बालिका आश्रमों के छात्रों का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण भी सुनिश्चित किया जा रहा है। हर उप-मंण्डल में उप-मंडलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर आश्रमों का नियमित रूप से निरीक्षण भी किया जा रहा है।
जिला के बाल आश्रम टुटी कंण्डी में 39, बालिका आश्रम मशोबरा (अर्की) में 47, बाल आश्रम मशली में 23, सुन्नी में 23, सराहन में 31, बालिका आश्रम दुर्गापुर में 41, कस्तूरबा गांधी बाल आश्रम रॉकवुड में 32, ढली में 83 और दृष्टिबाधित बच्चों के लिए स्कूल में 29 बच्चे हैं।
इससे पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश भारद्वाज ने विभिन्न बाल बालिका आश्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर महासचिव, बाल संरक्षण आयोग राज कुमारी सोनी, कमेटी के सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।