कीक्ली रिपोर्टर, 28 जनवरी, 2016, शिमला
हिमाचल प्रदेश में कार्यरत सभी बाल आश्रम, बालिका आश्रम, शिशु गृहों में तैनात बार्डन को अब हाउस फादर और हाउस मदर पदनाम दिया जायेगा। इस सम्बन्ध में प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजा गया हैं। आज यहां आयोजित जिला बाल संरक्षण समिति शिमला की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त शिमला यूनुस ने यह जानकारी दी।
यूनुस ने कहा कि अनाथ / बेसहारा बच्चों के बेहतरीन पालन पोषण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पालना दम्पति (फोस्टर केयर) को प्रतिमाह 2300 रूपए आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान किए जाते हैं। पांच वर्ष से अठारह वर्ष तक के बेसहारा बच्चों को बाल बालिका सुरक्षा योजना के तहत फोस्टर केयर में लेने वाले माता-पिता (दम्पति) को यह आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। बेसहारा बच्चे के सगे सम्बन्धी जिनमें उसके चाचा-चाची, ताया-ताई, नाना-नानी, प्रथम सम्बन्ध के अन्य सम्बन्धी व अन्य पात्र दम्पति बच्चे को फोस्टर केयर में लेने के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास आवेदन कर सकते हैं। पात्र दम्पति की सालाना आय 60 हजार रूपए, आयु न्यूनतम 35 वर्ष व अधिकतम 50 से 55 वर्ष, हिमाचल निवासी प्रमाणपत्र, चिकित्सा स्वस्थता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।
अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी आश्रम प्रबन्धकों को बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आश्रमों में बाल सुरक्षा अधिनियम के तहत बच्चों को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं तथा आहार तालिका के अनुसार ही उनके भोजन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बाल, बालिका आश्रमों के नियमित निरीक्षण और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के निर्देश भी दिए।
इससे पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश भारद्वाज ने विभिन्न आश्रमों में किए जा रहे विकासात्मक कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि बाल आश्रम टुटीकंडी में 40, बालिका आश्रम मशोबरा अर्की में 72, बाल आश्रम मसली में 29, बालिका आश्रम सुन्नी में 26, बाल आश्रम सराहन में 46, बालिका आश्रम दुर्गापुर में 48, कस्तूरबा गांधी बाल आश्रम रॉकबुड में 34, मूक, श्रव्य व दृष्टि बाधित स्कूल ढली में 124 विशेष बच्चों को दाखिला दिया गया है।
इस वर्ष इन आश्रमों के भवनों की मुरम्मत के लगभग 77 लाख रूपए की राशि का प्रावधान किया गया है। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने बहुमूल्य सुझाव दिए। बैठक में बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती ममता पाल, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति ए. डब्ल्यू खान, सदस्य रूनम कौशिक, सपना बंटा, मंजू सागर चाईल्ड लाईन शिमला के प्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।