कीक्ली रिपोर्टर, 11 अगस्त, 2017, शिमला
शैमरॉक डैज़लर्ज़ प्ले स्कूल, शिमला, में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व बड़े धूम धाम से मनाया गया| जिसमें बच्चों व स्टाफ की समस्त सदस्याओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया I इस अवसर पर श्रीकृष्ण एवं राधा रूप सज्जा प्रतियोगिता आयोजित की गयी जिसमे साव्या ने प्रथम, नत्रिषा ने दुतीय व किंशुक ने तृतीय पुरस्कार झटका तथा खवाइश को वेष भूषा के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया | इस दौरान मटकी फोड प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। प्रधानाचार्य शैलजा अमरेईक ने विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार प्रदान किये।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने जन्माष्टमी की महत्वता बताते हुए विस्तृत रूप से जानकारी दी व सभी को बधाई दी तथा कहा कि मान्यता है कि श्री कृष्ण का जन्म का भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि में हुआ था। जन्माष्टमी के दिन सभी मंदिर रात बारह बजे तक खुले होते हैं | बारह बजे के बाद कृष्ण जन्म होता है और इसी के साथ सब भक्त चरणामृत लेकर अपना व्रत खोलते हैं | पूरे भारत सहित विदेशों में भी हिन्दुओं के प्रसिद्ध त्योहार जन्माष्टमी का बेसब्री से इंतजार किया जाता है। हिन्दुओं के लिए जन्माष्टमी के त्योहार का बहुत महत्व है। जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। श्रीकृष्ण को धरती पर भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना गया है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण का जन्म श्रावण मास के आठवें दिन यानि अष्टमी पर मध्यरात्रि में हुआ था। वैसे तो पूरे भारत में ही जन्माष्टमी का बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है लेकिन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि वृन्दावन में इस पर्व की अलग ही रौनक देखने को मिलती है। श्रीकृष्ण के जन्म और दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने से लेकर कई अन्य कथाएं हैं जो बेहद ही प्रसिद्ध हैं और जिन्हें आज भी पंसद किया जाता है।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने कहा कि स्कूल बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा प्रदान करने व बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सदेव प्रयासरत रहता है व संबधित क्षेत्र के लोगों की आशाओं व अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए प्रत्यनशील है I इस अवसर पर छोटे छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर भाग लिया व खूब मस्ती की तथा नन्हे मुन्नों को मिठाइयाँ भी बांटी गयीI