राजेश शर्मा, कीकली रिपोर्टर, 8 अप्रैल, 2017, शिमला
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुन्नी में आयोजित किए जा रहे क्रिकेट टुर्नामेंट में भाग ले रहे खिलाडिय़ों के लिए विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला व एसीजेएम विवेक शर्मा की। विवेक शर्मा ने शिविर में उपस्थित खिलाडिय़ों व लोगों को कानून के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विधिक साक्षरता शिविरों के माध्यम से लोगों में कानून साक्षरता व जागरूकता पैदा करने के और अधिक प्रयास किए जा रहे हैं। विधिक सेवा प्राधिकरण के अंतर्गत जिला व उपमण्डल व उच्च न्यायालय के स्तर पर मुफ्त कानूनी सेवा प्राधिकरण/समितियों का गठन किया गया है।
कोई भी व्यक्ति जो कि नि:शुल्क सहायता प्राप्त करने के इच्छुक हैं, एक प्रार्थना-पत्र सादे कागज पर अपने जिला या उप-मण्डल या उच्च न्यायालय मुफ्त कानूनी सहायता समिति को दें। उस प्रार्थना-पत्र में वह अपने साथ हुए अन्याय का संक्षिप्त विवरण या मुकद्दमें का संक्षिप्त विवरण, नाम, आय की सीमा इत्यादि का हवाला लिखें व इसके साथ अपनी वार्षिक आय के बारे में शपथ-पत्र संलग्न करें। अगर व्यक्ति पिछड़ी जाति या जनजाति या अनुसूचित जाति से संबंध रखता है, उसका प्रमाण-पत्र साथ लगाएं। यह प्रार्थना-पत्र इत्यादि, जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कार्यालय में दाखिल करें, क्योंकि जिला व उप-मण्डल स्तर पर की समितियों में ही प्रार्थना पत्र पर विचार होगा व अगर व्यक्ति नि:शुल्क सहायता का पात्र पाया गया हो तो उसे नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि छोटे-मोटे पारिवारिक तथा सामाजिक झगड़ों को आपसी बातचीत से पंचायत स्तर पर सुलझाना चाहिए, ताकि परिवार व समाज में आपसी प्रेम, भाईचारा व मेलजोल की भावना बनी रहे। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी नागरिक सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक उपक्रम के विभिन्न संस्थानों सहित कई अन्य संस्थानों से विभिन्न प्रकार की जानकारी मात्र एक आवेदन कर प्राप्त कर सकता है। इस अधिनियम से न केवल प्रशासन में और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है, बल्कि जवाबदेही भी तय हो रही है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम लागू होने से हर नागरिक को सूचनाएं प्राप्त करने का अधिकार मिला है।
शिविर में विभिन्न अधिनियम और कानून व विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।