मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य में हरित ऊर्जा के बढ़ते उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बड़े स्तर पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं का संचालन कर रही है और यह कदम पर्यावरण संरक्षण एवं ऊर्जा के स्थिर स्रोतों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
72 मैगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 72 मैगावाट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है और जल्द ही कार्य संबंधित कंपनियों को आवंटित किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के लिए हरित पंचायतों की योजना
राज्य सरकार ने 200 पंचायतों को ‘हरित पंचायत’ के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। इन पंचायतों में 200 केवी के ग्राउंड-माउंटेड सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे, जिससे इन पंचायतों को आत्मनिर्भर ऊर्जा आपूर्ति मिलेगी और प्राप्त आय का उपयोग विकास कार्यों में किया जाएगा।
ऊना में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की सफलता
मुख्यमंत्री ने ऊना जिले की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की सफलता का उल्लेख किया। 32 मैगावाट की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियोजना से 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त, 5 मैगावाट की भंजाल और 10 मैगावाट की अघलौर परियोजनाएं भी चालू की जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश का उद्देश्य – 2026 तक ‘हरित ऊर्जा’ में अग्रणी बनना
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ राज्य बनने का लक्ष्य रखता है। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ मिलेगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करेगा।
बायो-गैस और रूफ टॉप सोलर प्लांट की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में 2 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले कम्प्रेस्ड बायो-गैस प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार की जा चुकी है। इसके अलावा, बाल आश्रमों, वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हीटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।