January 23, 2025

बाल बलिदान/शहीद दिवस: डॉ. कमल ‘प्यासा’ का श्रद्धांजलि संदेश

Date:

Share post:

डॉo कमल केo प्यासा
प्रेषक : डॉ. कमल के . प्यासा

अपने धर्म के प्रति सभी में गर्व व सम्मान की भावना रहती ही है।लेकिन अपने आप को इसके लिए न्यौछावर करना,मिटा देना तो और भी बहुत बड़ी बात हो जाती है। इतना ही नहीं,इधर तो जान के साथ ही साथ शरीर को भी कई तरह की यातनाओं को (दुःख दर्द व पीड़ाओं को हंसते हंसते )सहते हुवे कई एक धर्म प्रेमी शहीद हो गए और उनके मुंह से ,सी तक नहीं निकली।न जाने इतना सब उन पवित्र आत्माओं ने कैसे कैसे सहन किया होगा ? फिर इतना सब कुछ उनके परिवार के सदस्यों,माता पिता,भाई बहिनों ,जीवन साथी व बच्चों ने कैसे देखा व सहन किया होगा क्या गुजरी होगी उनके दिलों दिमाग पर ? किसे खबर,इधर तो सुन पढ़ कर ही दिल दहलने सा लगता है !ऐसे भी कई एक सच्चे किस्से सुनने को मिलते हैं, जिनमें एक नहीं बल्कि तीन पीढ़ियों को लगातार ,इस जुल्म की पीड़ा को अपने धर्म पर अडिग रहते हुवे सहन करना पड़ा था।

हिंदू सिख समुदाय के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी की अपनी तीन पीढ़ियों को धर्म की खातिर लड़ते हुवे बलिदान देने पड़े थे।जिनमें गुरु गोविंद सिंह जी के पिता नौवें गुरु तेगबहादुर को मुगल शासक औरंगजेब द्वारा 11 नवंबर ,1676 को मुस्लिम धर्म स्वीकार न करने पर दिल्ली के चांदनी चौक में मार दिया गया था। फिर गुरु गोविंद सिंह जी के दो पुत्रों को सिरसा लड़ाई में व 2 पुत्रों को सरहंद के नवाब वजीर खान द्वारा, दीवार में जिंदा चिनवा दिया था।इसी प्रकार गुरु गोविंद सिंह जी भी धर्म की लड़ाई लड़ते लड़ते ,मुगलों द्वारा धोखे से मार दिए जाने पर शहीद हो गए थे।

वर्ष 1704 में मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर गुरुगोविंद सिंह जी को आनंद पुर का किला इस शर्त पर खाली करके जाने को कहा कि शांति से चले जाने पर किसी भी प्रकार का युद्ध या लड़ाई नहीं की जाए गी।जब गुरु जी किला छोड़ कर सिरसा नदी पार करने लगे तो मुगलों ने धोखे से लड़ाई शुरू कर दी जिसमें गुरु जी के दोनों बड़े(19 वर्ष से छोटे) पुत्र साहिबजादा अजीत सिंह व जुझार सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए। दो छोटे पुत्र फतेह सिंह और जौरावर सिंह (6 व 9 वर्ष वाले) जो अपनी दादी माता गुजरी के साथ थे , उस लड़ाई में बिछड़ गए।इसी मध्य उन्हें अपना एक रसोईया गंगू पंडित मिल गया,जिसने पैसे के लालच में तीनों(दादी माता गुजरी दोनों पौतों सहित) को धोखा देकर सरहंद के गुप्तचरों के पास रहने को छोड़ आया ।

गुप्तचरों ने आगे तीनों को सरहंद के नवाब वजीर खान के पास पहुंचा दिया।नवाब वजीर खान ने( सर्दी के उस मौसम में) तीनों को ठंडे कमरे में ठहराकर उन्हें नजर बंद कर दिया।अगली सुबह उसने दोनों साहिबजादों को अदालत में अपने समक्ष बुला कर पहले तो अपनी मीठी मधुर वाणी से मुसलमान धर्म अपनाने को कहा तथा कई तरह के प्रलोभन भी दिए ,जिन्हें दोनों भाईयों ने अपने तर्कों व अपने दादा गुरु तेग बहादुर की कुर्बानी का ज़िक्र करते हुवे ,खरी खोटी सुनाई और हर तरह से वजीर खान को नीचा दिखाने का प्रयत्न किया। नवाब वजीर खान छोटे बच्चों के तर्कों को सुन कर गुस्से से लाल पीला हो गया और उसने दोनों बच्चों को जिंदा दीवार में चिनने का फरमान निकाल दिया।27 दिसंबर ,1704 को दोनों भाईयों (नन्हें फतेह सिंह व जोरावर सिंह) को निर्दयी नवाब वजीर खान द्वारा सरहंद की दीवार में चिनवा दिया।जब दादी माता गुजरी को इसकी खबर मिली तो वह सुनते ही दिव्य ज्योति में लीन हो गई।

पिता गुरु गोविंद सिंह जी को इस दुखद संदेश का बड़ा आघात पहुंचा ,लेकिन उन्होंने मुगलों के अत्याचार का बदला शीघ्र ही 8 मई,1705 में मुगलों के साथ हुई लड़ाई में उन्हें बुरी तरह से पछाड़ कर ले लिया था। मुगल सम्राट ऑरेंजेब के अत्याचारों,खून खराबे और जबरन धर्म परिवर्तन की नीति के फलस्वरूप जहां कई निर्दोष हंसते हंसते बलिदान दे कर शहीद हो गए और अपने हिंदू धर्म को आंच तक नहीं आने दी ,उन सभी महान शहीद बलिदानियों व गुरु के इन लाडलों को हम समस्त देशवासियों की ओर से, बाल बलिदान दिवस पर शत शत नमन।



बाल बलिदान / शहीद दिवस: डॉ. कमल ‘प्यासा’ का श्रद्धांजलि संदेश

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Dr. Dhani Ram Shandil Highlights Welfare Schemes for Women Empowerment

Health, Social Justice and Empowerment Dr. (Col) Dhani Ram Shandil today here said that the state government has...

Boosting Health and Education: Rs. 1,500 Crore Allocated for Modernization

Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu, while presiding over the meeting of the officers of district Kangra at...

Amit Shah Assures Central Funds for Cooperative Sector Projects

Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri who met the Union Home Minister Amit Shah at New Delhi, today urged...

माता जी की फोटो (लघुकथा) – रणजोध सिंह

संजीव आज अट्ठाईस वर्ष सरकारी नौकरी करने के बाद रिटायर हो गया था| इसी उपलक्ष्य में उसके घर...