March 12, 2025

भारत में हिन्दी राष्ट्रभाषा के रूप में व्यवहार में लाई जा रही है

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सितम्बर पूरे देश में हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। किसी भी राष्ट्र के लिए एक सूत्र में बांधे रखने के लिए उसका संविधान, निशान तथा उसकी राष्ट्रभाषा की आवश्यकता रहती है। भारत में हिन्दी राष्ट्रभाषा के रूप में व्यवहार में लाई जा रही है।

भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा हर वर्ष की भान्ति राज्यस्तरीय हिन्दी दिवस पर राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन गेयटी थियेटर शिमला में किया गया । कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रदेश के माननीय शिक्षा एवं भाषा-संस्कृति मन्त्री श्री गोविंद सिंह ठाकुर जी ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित ने मुख्य अतिथि को शॉल, टेापी पहनाकर स्वागत किया तथा सभी पुरस्कार प्राप्त अधिकारियों/कर्मचारियों व विद्यार्थियों का भी स्वागत करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में हिन्दी एक सशक्त भाषा के रूप में प्रचलित है तथा विभाग हिन्दी भाषा को पूर्णतः लागू करने के लिए सदैव प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हिन्दी दिवस मात्र औपचारिकता ना रहे, हमें आज गेयटी से यह सन्देश लेकर चलना है कि हम हिन्दी भाषा में कार्य करने के प्रति समर्पित रहेेंगें । कार्यक्रम का मंच संचालन विभाग की सहायक निदेशक कुसुम संघाईक व अलका कैंथला ने किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने सभी पुरस्कार प्राप्त अधिकारियों/कर्मचारियों व बच्चों को हिन्दी दिवस पर बधाई दी और कहा कि भाषा के माध्यम से ही हम एक दूसरे से जुड़े रहते है। संस्कृत सबसे प्राचीन भाषा है। प्राकृत, पाली भी प्राचीन काल में बोलचाल की भाषा रही है। काफी विचार-विमर्श के दौरान संविधान सभा में हिन्दी को बोलचाल की भाषा के रूप में स्वीकार किया गया । हिन्दी को पूर्ण देश में बोला व समझा जाता है । उन्होंने सभी से हिन्दी भाषा को अधिक से अधिक प्रयोग में लाने का आहवान किया । उन्होंने कहा कि हिन्दी भी संस्कृत से ही निकली हुई भाषा है। 14 सितम्बर, 1949 को भारत के संविधान सभा ने हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिलवाया गया ।

राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह में सर्वप्रथम राजभाषा पखवाड़ा के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए कॉलेजों के छात्रों को जिन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया व विजेता घोषित हुए उन्हें मुख्यअतिथि ने पुरस्कृत किया तत्पश्चात विभिन्न विभागों से आए अधिकारी व कर्मचारियों को हिन्दी में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सममानित किया गया । इन प्रतियोगिताओं में निर्णायक मण्डल को भी सम्मानित किया गया । अन्तरमहाविद्यालय प्रतियोगिताओं में अव्वल रहें प्रतिभागियों की सूची निम्न प्रकार से हैः-

अन्तरमहाविद्यालय हिन्दी निबन्ध लेखन प्रतियोगिता-2021
क्र. नाम महाविद्यालय का नाम जिला स्थान
1. मनीषा राजकीय महाविद्यालय नाहन, सिरमौर प्रथम
2 तमन्ना ठाकुर राजकीय महाविद्यालय, चौड़ा मैदान शिमला द्वितीय
3 प्रियंका शर्मा राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय संजौली शिमला तृतीय
4 देसराज राजकीय महाविद्यालय मंडी मंडी सांत्वना
5 श्वेता शर्मा राजकीय संस्कृत महाविद्यालय फागली शिमला
अन्तरमहाविद्यालय हिन्दी भाषण प्रतियोगिता-2021
क्र. नाम महाविद्यालय का नाम जिला स्थान
1. सुहानी अत्री नाहन नाहन प्रथम
2 निखिल गौतम राजकीय महाविद्यालय सोलन सोलन द्वितीय
3 पूजा सुंदरनगर मंडी तृतीय
4 मिनालनी शर्मा कांगड़ा कांगड़ा सांत्वना
(संयुक्त)
अन्तरमहाविद्यालय हिन्दी कविता लेखन प्रतियोगिता-2021
क्र. नाम महाविद्यालय का नाम जिला स्थान
1. प्राँशु आदित्य राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय चौड़ा मैदान शिमला प्रथम
2. कमल चंद राजकीय महाविद्यालय कुल्लू कुल्लू द्वितीय
3. संज्ञा राजकीय महाविद्यालय पझौता सिरमौर तृतीय
4. सर्वजीत कौर राजकीय महाविद्यालय संजौली शिमला सांत्वना
(संयुक्त)
5 ऋतिका चौहान राजकीय महाविद्यालय(संस्कृत) कुल्लू

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि माननीय शिक्षा एवं भाषा-संस्कृति मंत्री श्री गोंविद सिंह ठाकुर द्वारा सोलन के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंकर लाल वासिष्ठ ‘चिन्तन के सम्वेदी स्वर’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. सुरेश जसवाल, पुरातŸव अभियंता सुदर्शन शर्मा, भाषा अधिकारी सरोजना नरवाल, अमित गुलेरी तथा जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हारटा भी उपस्थित रहे।

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Keekli Bureau
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