उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य पर बनी जिला टास्क फोर्स की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छोटे-छोटे कदमों से सकारात्मक बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को सामूहिक कदम उठाने होंगे और ऊर्जा का उपयोग सोच-समझ कर करना चाहिए। आदित्य नेगी ने सौर ऊर्जा के अधिक से अधिक दोहन पर भी बल देते हुए कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है, जिसे रोकने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे। जिलाधीश ने कहा कि जिला टास्क फोर्स जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य पर जिला का एक एक्शन प्लान तैयार कर राज्य सरकार को भेजेगी।

इसके अतिरिक्त क्षमता निर्माण पर भी जोर दिया जाएगा, जिसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला के सफाई कर्मियों, पुलिस कर्मियों, पीडब्ल्यूडी के मजदूरों तथा बागवानों का डाटा तैयार किया जाएगा, ताकि जलवायु परिवर्तन से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कुप्रभाव के असर का पता लगाया जा सके। आदित्य नेगी ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचा सुदृढ़ करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों का एनर्जी ऑडिट करने, नॉन-एलईडी बल्ब को एलईडी बल्ब से बदलने, वर्षा जल का संग्रहण कर उसका उचित इस्तेमाल सुनिश्चित करने तथा पानी के सही इस्तेमाल के लिए प्रबंध समितियों के गठन का प्रयास किया जाएगा। बैठक में जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्य उपस्थित रहे।

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