हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कंप्यूटर साइंस विभाग की दिव्यांग पीएचडी स्कॉलर मीनू चंदेल ने परीक्षा में अतिरिक्त समय न दिए जाने पर कुलपति प्रो. एसपी बंसल से शिकायत की है। उसका कहना था कि इससे उसकी परीक्षा पर असर पड़ा और मानसिक आघात लगा।उसने संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
डिसेबल्ड स्टूडेंट एंड यूथ एसोसिएशन (डीएसवाईए) के संयोजक और विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में पीएचडी स्कॉलर मुकेश कुमार ने बताया कि मीनू चंदेल की कोर्स-वर्क की परीक्षा 24 और 26 दिसंबर को विश्वविद्यालय बिजनेस स्कूल में शाम 2 बजे से 5 तक थी। परीक्षा केंद्र अधीक्षक ने मीनू चंदेल के आग्रह के बावजूद उसे यूजीसी और विश्वविद्यालय के नियमों के अनुरूप 3 घंटे की परीक्षा पर 1 घंटे का अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया।
मीनू चंदेल ने कुलपति को भेजी शिकायत में कहा है कि परीक्षा केंद्र अधीक्षक का कहना था कि जिन विद्यार्थियों को राइटर इस्तेमाल करने की सुविधा दी जाती है, उन्हें अतिरिक्त समय नहीं दिया जाता। मुकेश कुमार के अनुसार यह यूजीसी, हिमाचल प्रदेश सरकार और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले का खुला उल्लंघन है।
नियमों के अनुसार दृष्टिबाधित और किसी दिव्यांगता के कारण हाथ से लिखने में असमर्थ विद्यार्थियों को परीक्षा में लिखने के लिए राइटर की सुविधा दी जाती है। इसके अलावा उन्हें हर एक घंटे की परीक्षा पर 20 मिनट का अतिरिक्त समय मिलना चाहिए। अतिरिक्त समय उन्हें भी दिया जाता है जो राइटर की सुविधा नहीं लेते हैं।
मुकेश कुमार ने कहा कि उनका संगठन- डीएसवाईए इसका कड़ा विरोध करता है और छात्रा को न्याय दिए जाने की मांग करता है। उन्होंने कुलपति से मांग की कि दिव्यांगों से संबंधित कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए सभी विभागों और अधिकारियों को आदेश दिए जाएं।