वन्य प्राणी प्रभाग के अन्तर्गत चल रहे सिक्योर हिमालय परियोजना, हिमाचल प्रदेश चिड़ियाघर संरक्षण एवं प्रजनन सोसाईटी HPZCBS एवं ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क जैव विविधता संरक्षण सोसाईटी की विभिन्न बैठकों का आयोजन। आज वन विभाग हिमाचल प्रदेश के वन्यप्राणी प्रभाग द्वारा भारत सरकार-संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम-विश्व बैंक वित्त पोषित सिक्योर हिमालय आजीविका संवर्धन, संरक्षण सतत् उपयोग एवं उच्च हिमालय पारिस्थ्तिकी तंत्र के पुनः स्थापना की छठवी व अंतिम संचालन समिति की बैठक, हिमाचल प्रदेश चिड़ियाघर संरक्षण एवं प्रजनन सोसाईटी HPZCBS की 20वीं गवर्निंग बोर्ड की बैठक व ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की जैव विविधता संरक्षण सोसाईटी की कार्यकारी समिति की 19वीं बैठक का आयोजन ओंकार चन्द शर्मा प्रधान सचिव वन की अध्यक्षता में आर्मसडेल बिल्डिंग के समिति कक्ष में हुई।

राजीव कुमार प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं वन बल प्रमुख ने सिक्योर हिमालय परियोजना का संक्षिप्त विवरण दिया और बताया की यह परियोजना भारत सरकार-संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम-विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित है जिसकी अवधि वर्ष 2018 से 31 मार्च 2024 तक है। सिक्योर हिमालय परियोजना की छठवी व अन्तिम संचालन समिति की बैठक में अनिल ठाकुर, नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल ने बताया की इस परियोजना का मुख्य उद्दैश्य उच्च श्रैणी के हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र में एलपाईन चारागाहों और जंगलों के स्थाई प्रबंधन को बढावा देना था जो विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण वन्य जीवों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाता है। इस परियोजना के द्वारा लुप्त प्रायः हिम तेंदूए और उनके आवासों सहित स्थानीय समुदाओं के लिए स्थाई आजीविका सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।

बैठक के दौरान समिती द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए 63 लाख रूपये की कार्य योजना को स्वीकृत किया गया। इस बैठक के दौरान अध्यक्ष ने सुझाव दिए की इस परियोजना के अन्तिम वर्ष के दौरान परियोजना के तहत् विकसित मुल्य श्रृंखलाओं जैसे सिबकथोंन , हेजलनट, हैंडलूम आदि गतिविधियों को मजबूत किया जाए और विभिन्न समूदायों को समान आजिविका के अवसर प्रदान करवाये जाए। इस परियोजना के तहत सफल पायलेट व सर्वोतम् कार्यों को राज्य के विभिन्न संरक्षण एवं विकास कार्यों में भी दोहराया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस परियोजना के तहत किये गए कार्यों को भविष्य में भी अन्य विभागों के साथ मिलकर निरंतरता बरकार रखी जाऐ। हिमाचल प्रदेश चिड़ियाघर संरक्षण एवं प्रजनन सोसाईटी HPZCBS की 20वीं गवर्निंग बोर्ड की बैठक के दौरान अध्यक्ष ने सोसाईटी के सभी मुद्दों को पारित किया व उन्होंने सुझाव दिया कि आय के साधनों को बढाने के लिए सभी चिड़ियाघरों व पक्षीशालाओं में प्रवेश शुल्क को ई-एप्प के माघ्यम से ऑनलइन किया जाए और चिडियाघरों व पक्षिशालाओं के सुद्ढीकरण एवं सौंदर्यकरण के लिए के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये जाए।

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की जैव विविधता संरक्षण सोसाईटी की कार्यकारी समिति की 19वीं बैठक की अध्यक्षता के दौरान वर्ष 2023-24 के लिए कार्ययोजना के विभिन्न मुद्दों को पारित किया व प्रवेश शुल्क की दरों को संशोधित किया जाए और ई-एप्प के माध्यम से संचालित किया जाए। इस अवसर पर सी-पी वर्मा, विशेष सचिव वन, मीरा शर्मा, मुख्य अरण्यपाल (शमशी, जी-एच-एन-पी), के थिरूमल, मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी शिमला दक्षिण), निशांत मल्हौत्रा, अरण्यपाल हमीरपुर, एल सी वंदना, उप अरण्यपाल (कुल्लू), रविशंकर, उप अरण्यपाल (शिमला वन्य प्राणी मंडल), के रायलस्टन, उप अरण्यपाल, हमीरपुर वन्य प्राणी, श्री अमित शर्मा, वन मंडल अधिकारी चंबा वन्य प्राणी मंडल, श्रीमती शीतल शर्मा, वन मंडल अधिकारी, वन्य प्राणी प्रभाग मुख्यालय, अनिता भारद्वाज, वन मंडल अधिकारी, मुख्य अरण्यपाल शिमला दक्षिण, अशोक कुमार नेगी, वन मंडल अधिकारी सराहन, सरोज वर्मा वन मंडल अधिकारी प्रचार एवं ईको टूरिज्म़ व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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