उच्च शिक्षा में निवेश सुंदर लाभांश प्रदान करता है इसी सोच के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए प्रभावशाली प्रारूप प्रदान करने का सुझाव देती है। ये विचार आज शिक्षा भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पीटर हॉफ में हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग द्वारा निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षिक सुधारों को उत्प्रेरित करने बारे सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए होटल पीटर हॉफ में यह विचार व्यक्त किए।

उन्होनें कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा निजी 2020 अध्ययन के विभिन्न स्तरों पर नई विधा को समझने के लिए भी पर्याप्त अवसर प्रदान करती है। उन्होनें कहा कि निजी विश्व विद्यालय बहुविषय विकल्प शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रित कर तेजी से शिक्षा के प्रचार प्रसार में योगदान दे रहे हैं वहीं सार्वजनिक विश्व विद्यालयों के साथ बेहतर समन्वय विकसित करने के लिए परस्पर सहयोग और तालमेल बढ़ाने की और अग्रसर है। उन्होनें कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों के साथ कई स्तरों पर नियामक संस्थाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार एवं अभिनव विचार के दृष्टि पर प्रकाश डाला। उन्होंने निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को नई शिक्षा नीति को अपनाने के लिए अपने संस्थानों का पुनर्गठन करने का आह्वान किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को एजुकेशन हब बनाने की दृष्टि से शिक्षाविदों को शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने के साथ साथ स्थानीय तथा देश विदेश के विभिन्न हिस्सों से छात्रों को हिमाचल में आकर्षित करने का आग्रह किया। उन्होनें कहा कि कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने तथा गरीब व अभावग्रस्त बच्चों को मोबाइल सुविधा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा आंरम्भ की गई डिजिटल साथी बच्चों का सहारा फोन हमारा योजना के तहत सभी अपना सहयोग प्रदान करें ताकि महामारी में फोन के अभाव में कोई शिक्षा से वंचित न हो सके।

अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग मेजर जनरल अतुल कौशिक ने मध्यस्तरीय कुशल जनशक्ति के सृजन और बेरोजगारी को कम करने के लिए निजी उच्च शिक्षा को पारंपरिक शिक्षा से व्यसायिक शिक्षा में उन्नमुक करने के लिए की गई कारवाई की जानकारी प्रदान की।

उन्होनें बताया कि हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के तहत स्टुडैंट प्लेसमेंट सैल का निर्माण करने पर विचार किया जा रहा है ताकि छात्रों को रोजगार में सुगमता प्रदान करवाई जा सके। उन्होनें बताया कि मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री के मार्गदर्शन के तहत नई शिक्षा निजी को प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में लागू करने के लिए कदम उठाए जा रहे है।

उन्होनें कहा कि शिक्षा की गुणवता को बढ़ाने के लिए सभी महाविद्यालयों को नियामक संस्थानों द्वारा तय मापदंडों के अनुसार स्वयं को उन्नत करते हुए शोधपरक शिक्षा के प्रयास करने होगें। जिसमें निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग द्वारा राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा आरट्रैक के अधिकारियों के साथ संवाद स्थापित किया गया। इस दौरान आर्मी तथा निजी विश्वविद्यालयों के बीच पेशेवर गुणवत्ता वाली सैन्य और शैक्षणिक विषयों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग तथा राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया गया।

इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष व पूर्व उपकुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय डा0 सुनील गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के प्रति विभिन्न विश्वविद्यालयों के विभिन्न प्रश्नों व शंकाओं का विस्तार पूर्वक निवारण किया। उन्होंने बताया कि एक दिवसीय कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 समस्याएं और आगे के लिए कार्यान्वयन पर चर्चा, नए पाठ्यक्रमों के प्रस्तावों पर चर्चा के संदर्भ में लाभ और लागू करने के तरीके, राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के बीच समन्वय स्थापित करना, नौकरी के अवसरों के लिए हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग में छात्र प्लेसमेंट सैल के आयोजन पर चर्चा एवं हिमाचल प्रदेश को एजुकेशन हब बनाने के विषयों पर चर्चा की गई। सम्मेलन में सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, सचिव हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के सचिव मस्तराम भारद्वाज तथा प्रदेश में स्थित 16 निजी विश्वविद्यालयों के उपकुलपति उपस्थित थे।

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