अध्यक्ष महोदय, मेरे द्वारा 4 मार्च, 2022 को इस सदन को संस्तुतित बजट प्रस्तावों पर चर्चा में कुल 49 माननीय सदस्यों ने भाग लिया, जिसमें भाजपा के 25 सदस्य, कांग्रेस के 22 सदस्य, सी.पी.आई. (एम) के एक सदस्य तथा एक निर्दलीय सदस्य षामिल है। सभी माननीय सदस्यों ने बढ़-चढ़ कर चर्चा में भाग लिया तथा सदन में अपने विचार एवं सुझाव रखे। जहाँ इस बजट अधिकाँष माननीय विधायकों का भरपूर समर्थन मिला है वहीं कुछ माननीय विधायकों द्वारा इस बजट की तथ्यहीन आलोचना भी की गई हैअध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से माननीय सदस्यों का ध्यान बजट दस्तावेज़ों की प्रमाणिकता की ओर आकर्शित करते हुए कहना चाहूँगा कि माननीय सदन में प्रस्तुत बजट में प्रत्येक आँकड़े तथा सूचना के प्रति सरकार उत्तरदायी है। ऐसे में कुछ माननीय सदस्यों द्वारा बजट को बिना किसी सबूत के ‘झूठ का पुलिंदा’ कहना अषोभनीय है। वर्तमान सरकार की बढ़ती लोकप्रियता इस ओर संकेत करती है कि वर्तमान सरकार द्वारा प्रस्तुत पाँचों बजटों में समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखते हुये प्रदेष में विकास की प्रक्रिया को समावेषी बनाया गया है।

चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा की गई आलोचना तथ्यों पर आधारित नहीं है। अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार द्वारा पिछले 4 वर्शों में जो नई योजनायें घोशित की हैं उनमें से लगभग सभी योजनायें धरातल पर उतारी गईं हैं तथा इन योजनाओं का लाभ प्रदेष की जनता के सभी वर्गों को सीधे रूप से मिल रहा है। हमारी सरकार द्वारा घोशित योजनाओं के अन्तर्गत प्राप्त की गईं उपलब्धियों में से कुछ का ब्यौरा निम्न प्रकार से हैः- हमारी सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा दायरे में अभूतपूर्व विस्तार किया गया है। 2017-18 में सामाजिक सुरक्षा लाभार्थियों की संख्या लगभग 4 लाख 25 हजार थी जो कि 2022-23 में बढ़कर साढ़े सात लाख हो जाएगी। हमारी सरकार ने वृद्धावस्था पैंषन की आयु को 80 वर्श से घटाकर बिना किसी आय सीमा के 60 वर्श किया है। इसी के साथ सामाजिक सुरक्षा पैंषन में अप्रत्याषित वृद्धि की है। 2017 में जहाँ इस योजना पर 450 करोड़ रुपये व्यय किये जाते थे वही 2022-23 में इस योजना पर लगभग 13 सौ करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे। बजट अभिभाशण में वर्णित 40 हजार वे अतिरिक्त आवेदक हैं जो बजट में घोशित बदलावों से पूर्व के आवेदक हैं। बजट में घोशणाओं के लागू होते ही 2022-23 में लगभग एक लाख अतिरिक्त लाभार्थियों को इस योजनाओं का लाभ मिल पाएगा।

अध्यक्ष महोदय, 2 वर्श पूर्व हमारी सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के सभी लम्बित पात्र आवेदकों को आवासीय सुविधा प्रदान करने का संकल्प लिया था। इसी संकल्प को पूरा करने हेतु किये गये प्रयासों के तहत पिछले 2 वर्शों में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से अनुसूचित जाति तथा अन्य वर्गों के लगभग 22 हजार लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। 2022-23 में अनुसूचित जाति वर्ग के षेश बचे 7 हजार 628 लाभार्थियों को भी लाभान्वित कर दिया जाएगा। ‘मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना’ के अन्तर्गत लगभग 2 हजार 231 इकाईयों के लिए 85 करोड़ रुपये की अनुदान राषि वितरित की गई है। 2022-23 के बजट अभिभाशण में इस योजना के अन्तर्गत सभी महिलाओं को मिलने वाला उपदान बढ़ाकर 35 प्रतिषत तथा अनुसूचित जाति एवं जन-जाति और दिव्यांगजन लाभार्थियों को पहली बार 30 प्रतिषत उपदान की घोशणा की गई है। हिमकेयर योजना के अन्तर्गत 5 लाख 13 हजार परिवारों को कार्ड जारी किये गए हैं तथा जनवरी, 2022 तक 2 लाख 27 हजार लाभार्थियों को लगभग 201 करोड़ रुपये की निःषुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान किया गया है। 2022-23 से इस योजना के अन्तर्गत होने वाला पंजीकरण पूरा साल करवाया जा सकेगा तथा एक बार का पंजीकरण 3 वर्श तक के लिए मान्य होगा। इसके साथ ही प्रदेष की कारागारों में बन्दियों को भी इस योजना के अन्तर्गत कवर किया जाएगा।

‘हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना’ के अन्तर्गत हमारी सरकार द्वारा कुल 3 लाख 24 हजार पात्र परिवारों को निःषुल्क गैस कनेक्षन उपलब्ध करवाये हैं तथा प्रदेष को धुआँ मुक्त राज्य बनाया गया है। आगामी वर्शों में भी सभी पात्र परिवारों को इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जाएगा तथा 2022-23 से इस योजना के तहत मिलने वाले निःषुल्क सिलेंडरों की संख्या को बढ़ाकर 3 कर दिया गया है। अध्यक्ष महोदय, 2021-22 में हिमाचल प्रदेष पहला ऐसा राज्य है जिसने कि जल जीवन मिषन के अन्तर्गत भारत सरकार से चैथी किष्त प्राप्त की है। इस योजना के कार्यान्वयन से 2022 के अन्त तक ग्रामीण क्षेत्र के सभी परिवारों तक पेयजल उपलब्धता सुनिष्चित कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले 72 सालों में केवल 7 लाख 63 हजार नल कनेक्षन लगाये गये जबकि हमारी सरकार के पिछले 2 वर्शों में ही 8 लाख 35 हजार नल कनेक्षन लगाये जा चुके हैं। हमारी सरकार द्वारा प्रथम मन्त्रिमण्डल बैठक में ही गौ-सेवा का संकल्प लिया गया था। गौषालाओं तथा ब्वू ैंदबजनंतपमे में जहाँ गौ-वँष की संख्या केवल 6 हजार थी आज वह बढ़कर 20 हजार हो गई है। गौ-वँष सेवा को प्रोत्साहित करने के उद्देष्य से 2022-23 से ‘गोपाल’ नाम की व्यवस्था के अन्तर्गत निजी गौ-सदनों को 700 रुपये प्रति गाय प्रतिमाह अनुदान दिया जाएगा। इसी के साथ पषुओं को छोड़ने की प्रवृति की रोकथाम के लिए कड़े प्रावधानों के साथ कानून भी बनाया जाएगा।

2018-19 में आरम्भ की गई ‘प्राकृतिक खेती खुषहाल किसान’ योजना के अन्तर्गत 1 लाख 60 हजार किसानों की 23 हजार एकड़ भूमि को प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत लाया जा चुका है। इससे उनकी लागत में भी कमी आई और साथ ही 12 प्रतिषत से लेकर 64 प्रतिषत तक आय में वृद्धि हुई। 2022-23 के अन्त तक 50 हजार एकड़ भूमि को प्राकृतिक कृशि के अधीन लाया जाएगा तथा प्राकृतिक कृशि उत्पाद की बमतजपपिबंजपवद सुनिष्चित करने के बाद उन्हें बेचने के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाये जाएंगे। ‘हिमाचल पुश्प क्रान्ति योजना’ के अन्तर्गत 58 हजार 561 वर्गमीटर में पाॅली हाऊस बनाकर 114 बागवानों को फूल उगाने के लिए सहायता प्रदान की गई है। 2022-23 में आर्केड और अन्य सजावटी पौधों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस पर 11 करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे। अध्यक्ष महोदय, पिछली सरकार के पाँच वर्शों की तुलना में हमारी सरकार के कार्यकाल के 4 वर्शों में ही 33 किलोमीटर अधिक जीप योग्य सड़कों, 660 किलोमीटर अधिक मोटर योग्य सड़कों, 1 हजार 8 किलोमीटर अधिक पक्की सड़कों तथा 13 अधिक पुलों का निर्माण किया जा चुका है। 2022-23 में घोशित लक्ष्यों को भी हमारी सरकार द्वारा पूरा किया जाएगा। 2021-22 में कौषल विकास भत्ता योजना के अन्तर्गत 38 हजार 275 लाभार्थियों को 18 करोड़ रुपये, औद्योगिक कौषल विकास भत्ता योजना के अन्तर्गत 2 हजार 532 लाभार्थियों को 2 करोड़ रुपये की राषि तथा 66 हजार 280 लाभार्थियों को 39 करोड़ रुपये की राषि बेरोज़गारी भत्ता के रूप में दी गई है। हमारी सरकार द्वारा भरसक प्रयास किये गए कि कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेष वासियों विषेशकर निम्न आय वर्ग के कामगारों तथा व्यवसायियों के जीवन यापन पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इसके लिए हमारी सरकार द्वारा निम्न सहायता प्रदान की गई।

पूरा विवरण संलग्न पीडीएफ में दिया गया है Budget-reply-2022-.pdf

 

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