डिंपल ठाकुर, शिमला

प्यारी चिड़िया, न्यारी चिड़ियां

प्यारी चिड़िया, न्यारी चिड़ियां
देखो कितनी सारी चिड़ियां
रंग बिरंगी कितनी सतरंगी
देखो देखो इनकी दुनियां

चूचू के मीठे गीत सुनाती
कोई कु कू की तान बजाती
दाना दाना चुन ले जाए
आंगन में जब भी वो आती

रोज़ सवेरे घर मे आती
सांझ ढले तो वह उड़ जाती
नजर नजर में दूर गगन में
आंखों से ओझल हो जाती।

***

चिड़िया

रोज सवेरे जब मैं उठती
सुबह-सुबह एक चिड़िया आती
चू चू कर वह मुझे जगाती
प्यारे प्यारे गीत सुनाती

गाती जीवन का मीठा राग
चल उठ कर थोड़ी दौड़ भाग
आलस को तो दूर भगा
अपने सोए भाग जगा

थोड़ा तू कसरत कर ले
पानी थोड़ा मुंह में भर ले
कर ले थोड़ा ध्यान प्रभु का
प्रभु चरण में शीश झुका

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