आधुनिक भारत की नारी: डॉक्टर जय अनजान
हिंद देश की नारी हूं,वंदन से है मेरी पहचान,सब रिश्ते हैं मेरी वजह से,यही तो है मेरी पहचान।मत करना भूल समझ के मुझको अबला,मैं...
फासला (बाप बेटा संवाद): डॉo कमल केo प्यासा
प्रेषक : डॉ. कमल के . प्यासामैं बहका हूं !या तुम बहके हो !समझ नहीं कुछ आता !मैं कहता हूंनीचे देखो,तुम बुलंदियां छूते...