November 18, 2024

Tag: creative writing

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उम्मीद का धुंआ

दीपक भारद्वाजएक गांव से निकलते हैं जब नन्हे-नन्हे कदम किसी सुदूर देश की सरहद के लिए फिर वापिस, आ पाते हैं बहुत ही कम क्योंकि वो नहीं देखते निकलने के...

लड़कियां

अशोक दर्द, गांव घट्ट, डाकघर शेरपुर, तह डलहौजी, जिला चम्बा, हिमाचल प्रदेशधान की पनीरी की तरह पहले बीजी जाती हैं लड़कियां थोड़ा सा कद बढ़ जाये थोड़ा सा रंग...

Identity

Dr. Anjali Dewan, ShimlaI am like a drop of water in the sea, With no name, no identity, A part of the whole. Though you can see...

पतंग की डोर

अभिमन्यु कमलेश राणाउसे ढील दो है पतंग की डोर जो छूना चाहते गर आसमानों कोऔरों को भी उड़ने दो पेंच लड़ाने उलझे जो थाम लोगे अपनी उड़ान कोसफर...